Agra News: Agra’s Wildlife SOS rescues hyena in trouble…#agranews
Video : Pothole in middle of Bhagwan talkies service road in Agra
आगरालीक्स… स्मार्ट सिटी आगरा में बारिश से भगवान टॉकीज चौराहे पर सडक में धंसी, बाल बाल बचे लोग। बारिश के बाद मौत के गडढे से लोग दहशत में, गडढे पर बेरीकेटिंग करने की मांग को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया।
आगरा में कई दिनों से रुक रुक कर बारिश हो रही है। इस बारिश से भगवान टॉकीज से अब्बू उल्लाह दरगाह की तरफ जाने वाले सर्विस रोड पर सडक का बडा हिस्सा धंस गया, इससे सडक में गडढा हो गया है। गडढा इतना बढा है कि बारिश में जलभराव होने से गडढे में लोग गिर सकते हैं। इसे लेकर लोगों ने जमकर हंगामा किया, पहले भी सर्विस रोड पर गडढा हो चुका है।
सर्विस लेन के गडढे में गिरने से हो चुकी है मौत
जुलाई 2016 में भगवान टाकीज फ्लाईओवर के पास हाईवे की सर्विस लेन धंसने से हुए 15 फुट गहरे गड्ढे में डूबकर शाहगंज के न्यू ख्वासपुरा के जूता कारीगर शाकिर अली की मौत हो गई, मीडिया के माध्यम से उनके परिजनों को जानकारी हुई, इस पर वे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और शव देखकर शनाख्त की। इस मामले में शाकिर के बेटे वसीम उर्फ बबलू ने एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ न्यू आगरा थाना में दुघर्टना में मृत्यु ( धारा 304 ए ) के तहत केस दर्ज कराया है। एफआईआर में एनएचएआई के अलावा अन्य संबंधित महकमे का जिक्र है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जाम था, नहीं तो बच जाती जान
शाकिर खंदारी के पास बंबई वाली बगीची स्थित फुट स्टाइल जूता फैक्ट्री में जूता कारीगर थे। उनका बेटा आशिफ और बहनोई सलाउद्दीन भी फैक्ट्री में काम करते हैं। गुरुवार रात आठ बजे फैक्ट्री से शाकिर बेटे आशिफ के साथ साइकिल से निकले थे। खंदारी पर आशिफ ने उन्हें छोड़ा। इसके बाद शाकिर आटो से भगवान टाकीज चले गए। यहां सड़क पार करते समय बारिश में हुए गड्ढे में वह समा गए। परिवारीजनों ने बताया कि रात तकरीबन 10 बजे तक उनके घर नहीं पहुंचने पर तलाश की। सुबह घटना की जानकारी होने पर थाना पहुंचे। बबलू का कहना है कि वह अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखेंगे। परिजनों का कहना है कि आए आए दिन हादसे होते रहते हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी और कर्मचारी आंखें मूंदे बैठे रहते हैं। उनकी लापरवाही से कई लोगों की जान चली जाती है। मुख्यमंत्री से शिकायत करके इस तरह के हादसों को रोकने की मांग की जाएगी, जिससे किसी की जान न जाए। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
नहीं दिया मुआवजा