Tarishi Jain body reaches Delhi on monday, Funeral in Gurgaon
आगरालीक्स …ढाका में आतंकी हमले की शिकार हुई एमबीए की छात्रा तारिषी का शव आगरा मंडल के फीरोजाबाद नहीं आ सकेगा, उसका शव धार्मिक सौहार्द्र की मिसाल पेश करते हुए छह मुस्लिम लेकर आएंगे और सोमवार को तारिषी का अंतिम संस्कार गुडगांव में होगा।
सुहाग नगर फीरोजाबाद के मूल निवासी संजीव जैन 2006 से ढाका में कपडे का बडा कारोबार कर रहे हैं की बेटी तारिषी का शव फ्लाइट द्वारा ढाका से सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे आएगा। इससे पहले ढाका से कोई फ्लाइट नहीं है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर सोमवार दोपहर तक शव आने की जानकारी दी है। तारिषी के चाचा अजीत जैन का कहना है कि बेटी का शव दिल्ली से फ्लाइट से लेने में करीब एक घंटा लग जाएगा और फिर इतना ही समय दिल्ली को पार कर यमुना एक्सप्रेस वे पर पहुंचने में लग सकता था। इस तरह तीन बजे अगर दिल्ली पार हुई तो सड़क मार्ग से फिरोजाबाद तक आने में चार घंटे का समय और लगेगा। यानी शाम सात बजे से पहले बेटी का शव फिरोजाबाद आने की कम उम्मीद थी। तारिषी को अंतिम बार हर कोई देखना चाहते है और घर पर आने के बाद सूर्यास्त होने पर हम हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं कर पाते। इन हालातों में रिश्तेदारों को मैसेज कर दिए हैं। सभी को गुड़गांव में पहुंचने को कहा है। मेदांता हास्पिटल के ठीक सामने स्थित व्यू स्पा पार्क में शव को ले जाया जाएगा। यहां पर ए-ब्लॉक 30 गुड़गांव में रिश्तेदार एकत्रित होंगे और फिर पार्क से अंतिम संस्कार के लिए श्मसान घाट जाएंगे।
तारिषी को बचाने में दो मुस्लिम छात्रों की गई जान
कैफे में घुसे आतंकवादियों ने मुस्लिमों को छोड दिया था, तारिषी के साथ दो मुस्लिम दोस्त भी थे। उन्होंने आतंकियों ने तारिषी को छोडने के लिए कहा, उनका विरोध किया, इस पर उनकी भी हत्या कर दी गई।
मुस्लिम लेकर आएंगे शव
शनिवार रात को ढाका के कैफे में हुए आतंकी हमले में एमबीए छात्रा तारिषि की गला रेत कर हत्या कर दी गई, उनके शव को छह मुस्लिम दिल्ली लेकर आएंगे। उनका कहना है कि तारिषि उनकी भी बेटी है और वे अंतिम समय तक साथ रहेंगे।
दरअसल, तारिषि के पिता संजीव जैन की फैक्टरी में काम करने वाले सैकड़ों मुस्लिम कर्मचारियों ने उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भारत आने की इच्छा जताई। लेकिन संजीव ने उनसे कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है। काफी मना करने के बाद भी फैक्टरी के छह कर्मी भारत आने की तैयारी कर चुके थे। उनके पास पासपोर्ट था, इसलिए वे वीजा लेकर टिकट बुक करा चुके थे।