Sub Inspector become groom to catch software engineer murder accused
आगरालीक्स…. आगरा में साफ्टवेयर इंजीनियर की सुहागरात पर हत्या करने वाली दुल्हन को पकडने के लिए सब इंस्पेक्टर दूल्हा बने, सादा ड्रेस में सिपाहियों के साथ शादी का प्रस्ताव रखा। वह तैयार हो गई तो उसे एक होटल में लेकर आए, वहां फोटो से उसका मिलान किया। जब यह पक्का हो गया कि यह वही हत्यारी दुल्हन है तो उसे कहा कि शादी करने के लिए देहरादून चले। देहरादून की जगह उसे थाने में ले आए और हिरासत में ले लिया।
साफ्टवेयर इंजीनियर निर्मल सिंह की हत्या की आरोपी महिला तारा उर्फ रूबीना उर्फ सोनू चौहान को जगदीशपुरा थाना पुलिस ने बुधवार सुबह 10 बजे कोर्ट के सामने पेश किया। यहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। वास विकास सेक्टर चार में 23 मई की रात दिल्ली की कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर निर्मल सिंह की हत्या की गई थी। इसका आरोप उसकी पत्नी तारा उर्फ रूबीना पर है। वह जेवरात और नगदी लेकर फरार हो गई थी। निर्मल सिंह ने तीन दिन पहले तारा से देहरादून में दूसरी शादी की थी, उनका पहली पत्नी से तलाक हो चुका था और एक दिव्यांग बेटा उनके साथ रहता था।
फोटो और राशान कार्ड से पुलिस करती रही तलाश
तारा को पकड़ने के लिए पुलिस के पास एक राशन कार्ड और निर्मल से उसकी शादी के फोटो ही थे। राशन कार्ड में उसका नाम तारा था। यह गलत पाया गया। राशन कार्ड फर्जी निकला। फोटो में जो महिला उसकी मां बताई गई थी, वह हकीकत में उसके गिरोह की सदस्य निकली। वह शादी में मां बनने का नाटक करती है, इसके लिए दस हजार रुपये लेती है। शादी में शर्मा सरनेम वाले बिचौलिए का फोटा भी था।
पूरी प्लानिंग से पकडी तारा
सात दिन तक हल्द्वानी, रुद्रपुर, ऊधम सिंह नगर में खाक छानी। वहां शादी कराने वाला एक और बिचौलिया मिला। उसने फोटो देखकर बताया कि यह महिला तारा नहीं, रूबीना है, काशीपुर में मिलेगी। पुलिस ने एक युवक (काशीपुर पुलिस का मुखबिर) की मदद से उससे संपर्क साधा। उसने रूबीना से कहा कि काम आया है, तैयार हो जाओ। घर के बाहर दरोगा संजीव कुमार दूल्हे की ड्रेस में और सिपाही सिविल ड्रेस में थे।
उसे पहले एक होटल में ले गए। यहां चुपके से फोटो से उसके चेहरे का मिलान किया। इसके बाद उससे कहा कि शादी के लिए देहरादून चलो, और थाने ले आए। यहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
करना बेहोश था लेकिन हो गई मौत
पुलिस ने तारा उर्फ रूबीना से पूछताछ के हवाले से बताया कि वह निर्मल सिंह को जान से मारना नहीं चाहती थी। उसका प्लान उसके घर जाते समय रास्ते से ही भाग जाने का था, लेकिन निर्मल ने एक पल के लिए भी उसका हाथ ही नहीं छोड़ा। इसके बाद वह सुहाग रात ( 22 मई की रात) को ही भाग जाना चाहती थी, लेकिन निर्मल ने दूध पीने से इनकार कर दिया। उसे बिचौलिए ने चार कैप्सूल दिए थे। दूध में एक डालना था। निर्मल के बेटे भारत के गिलास में एक ही डाला, वो बेहोश हो गया, लेकिन गलती से निर्मल के गिलास में दो गिर गए थे। उसने कहा कि उसे नहीं मालूम था कि वह मर गया। वह तो उसे बेहोश समझकर भागी थी। सीधे सिकंदरा गई, वहां से बस में बैठकर मुरादाबाद पहुंची और फिर काशीपुर चली गई।