Agra’s Businessman daughter afraid of go out from house, Former
SN Medical College, Agra doctor’s donate blood to save patients
आगरालीक्स… एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा के डॉक्टरों ने ब्लड डोनेट किया, यह ब्लड मरीजों के काम आएगा। उन मरीजों को भी ब्लड मिल सकेगा, जिनके पास डोनर नहीं होंगे। इससे पहले भी एसएन के डॉक्टर और छात्र मरीजों के लिए ब्लड डोनेट कर चुके हैं।
एसएन की ब्लड बैंक से वहां के मरीजों के साथ निजी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को ब्लड डोनेट किया जाता है। पिछले कुछ समय से ब्लड की मांग लगातार बढ रही है और ब्लड डोनर की संख्या कम हो गई है। कई ग्रुप का ब्लड एसएन की ब्लड बैंक में नहीं है। इसके चलते मरीजों को भटकना पड रहा है। ब्लड की कमी को पूरा करने के लिए बुधवार को ब्लड बैंक में कैंप लगाया गया। एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसके गर्ग ने ब्लड डोनेट कर शिविर का शुभारंभ किया। इसके बाद डॉ सरोज सिंह, डॉ दिनकर, डॉ समरेंद्र, डॉ आशीष गौतम सहित 22 यूनिट ब्लड डोनेट किया गया। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ हरेंद्र कुमार ने लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील की है।
तीन महीने में दे सकते हैं ब्लड
विशेषज्ञों के मुताबिक, हर तीन महीने बाद ब्लड डोनेट किया जा सकता है, जो लोग ब्लड नहीं देते हैं, उनकी रेड ब्लड सेल्स आरबीसी हर 42 दिन में खुद ब खुद खत्म हो जाती हैं और नई आरबीसी बनती हैं। साथ ही ब्लड देते समय होने वाली जांचों से एचआईवी, हेपेटाइटिस सहित अन्य बीमारियों के बारे में पता चला जाता है कि यह बीमारी तो नहीं है। इसलिए लोगों को हर तीन से चार महीने बाद ब्लड डोनेट करना चाहिए। कुछ लोग अपने जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर ब्लड डोनेट कर रहे हैं, यह अच्छा कदम है। इसी तरह शहर के अन्य लोगों को आगे आने चाहिए, जिससे ब्लड की कमी न रह सके।
एक यूनिट से चार जान
एक यूनिट ब्लड से चार मरीजों की जान बचाई जा सकती है। ब्लड बैंक में एक यूनिट से चार कम्पोनेंट बन जाते हैं, ये अलग अलग मरीजों को चढाए जा सकते हैं और चार मरीजों की जान बच सकती है।