Postmortem of Mukhtar Ansari’s body will last for three hours,
Shani Shingnapur temples open for women forever on Navrati
आगरालीक्स …नवरात्र पर शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा खत्म कर दी गई। प्रिया जगताप और पुष्पा केवडकर ने शुक्रवार को चबूतरे पर चढकर शनि देव पर तेल चढाया और पूजा अर्चना की। अब शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के शनि देव पर तेल चढाने और चबूतरे पर जाकर पूजा अर्चना करने पर लगी रोक हटा दी गई है।
इंटरनेट फोटो
भूमाता ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई महिलाओं को पूजा का हक देने की लड़ाई लड़ रहीं थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक पीआईएल पर कहा था – ”महाराष्ट्र में महिलाओं को किसी मंदिर में एंट्री लेने से नहीं रोक सकते। पूजा स्थल पर जाना उनका फंडामेंटल राइट है। इसकी हिफाजत राज्य सरकार को करनी चाहिए।” हाईकोर्ट ने प्रदेश के हिंदू मंदिरों में एंट्री को लेकर बने 1956 के एक्ट का हवाला दिया था। इसके तहत अगर कोई शख्स या मंदिर ट्रस्ट किसी को मंदिर जाने से रोकता है, तो उसे 6 महीने की जेल हो सकती है। किसी भी महिला या पुरुष को मंदिर जाने से रोका जाए तो लोकल अथॉरिटी से शिकायत की जा सकती है।
महिलाओं ने चढाया तेल
गुड़ी पड़वा के मौके पर शनि शिंगणापुर में पूजा की परंपरा कई साल से चली आ रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को पुरुषों ने चबूतरे पर चढ़कर पूजा की। कुछ दिनों पहले महिलाओं के पूजा का विवाद बढ़ने के बाद मंदिर प्रशासन ने पुरुषों के पूजा करने पर भी रोक लगा दी थी।
भूमाता ब्रिगेड की लीडर तृप्ति ने पहले आरोप लगाया था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी महिलाओं के साथ पक्षपात हो रहा है, उन्होंने कहा था कि जब मंदिर में पुरुषों के प्रवेश पर रोक है, तो फिर आज कैसे उन्होंने चबूतरे पर चढ़कर पूजा की? अब हमें भी प्रशासन को
यहां है विवाद
– त्र्यम्बकेश्वर मंदिर (नासिक) : यहां मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को जाने की इजाजत नहीं थी। शनि शिंगणापुर मंदिर को लेकर विवाद के बाद पुरुषों के भी गर्भगृह में जाने पर रोक लगा दी गई।
– म्हसकोबा मंदिर (पुणे) : यहां महिलाओं को नवरात्र जैसे खास दिनों पर ही एंट्री दी जाती है।
– हाजी अली दरगाह (मुंबई) : ट्रस्ट का कहना है – “हाजी अली एक पुरुष संत की मजार है, इसलिए वहां महिलाओं को एंट्री नहीं दी जा सकती।”
– घाटी देवी और सोला शिवलिंग (सतारा)- इस मंदिर में भी महिलाओं को पूजा करने की परमिशन नहीं है।
– महालक्ष्मी मंदिर (कोल्हापुर) – यहां अब महिलाओं को पूजा करने दी जाती है।
– वैबातवाड़ी मारुति (बीड़)- परंपरा के मुताबिक यहां भी महिलाओं की एंट्री पर बैन है।