Road safety workshop at Rainbow Hospital in Agra
आगरालीक्स.. आगरा में सडक हादसों का जिम्मेदार कौन, इस पर रेनबो हाॅस्पिटल में मंगलवार को एक वृहद चर्चा हुई।
आगरा में ट्रैफिक सपोर्ट टीम काफी समय से यातायात जागरूकता पर काम कर रही है। मंगलवार को टीम ने रेनबो हाॅस्पिटल में डाॅक्टरों, स्टाफ और मरीजों के साथ आए तीमारदारों के साथ इस गंभीर विषय पर चर्चा की। मुख्य वक्ता एसपी ट्रेफिक प्रशांत कुमार प्रसाद ने कहा कि सड़क हादसों की जब भी बात आती है तो सबसे पहला सवाल यह उठता है कि इसका जिम्मेदार कौन है। हमें यह जिम्मेदारी तय करनी होगी। आम तौर पर देखा गया है कि दो-पहिया वाहनों पर सवार लोग हेलमेट और चार पहिया वाहनों में सवार लोग सीट बेल्ट लगाने से बचते हैं। इन मानवीय चूकों या असावधानियों की वजह से सडक दुर्घटनाओं में जान गंवाने या गंभीर रूप से घायल होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अकेला हेलमेट ही सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसके बाद अगर हम ट्रेफिक के दूसरे नियमों को लेकर भी जागरूक हो जाएं तो यह संख्या न के बराबर हो जाएगी।
रेनबो हाॅस्पिटल के निदेशक डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर रोज करीब 400 लोगों की सडक हादसों में जान चली जाती है। करीब आधे लोगों की उम्र 18 से 35 वर्ष होती है। यह आंकड़ा किसी भी महामारी और युद्ध से ज्यादा है। रेनबो हाॅस्पिटल में हम हर रोज ऐसे लोगों को देखते हैं जो सड़क दुर्घटना का शिकार होकर आते हैं। डाॅक्टर जब इनका इलाज कर रहे होते हैं तब तक सडक पर कोई और हादसा हो रहा होता है। यह दर्दनाक है। कोई भी युवा अपने परिवार अपने कुल का दीपक होता है और जरा सी लापरवाही के चलते ऐसे दीपक को बुझते देखना बस से बाहर की बात है। यही वजह है कि रेनबो हाॅस्पिटल सड़क सुरक्षा की इस मुहिम का हिस्सा बना है। बीते दिनों अस्पताल ने गुरूद्वारा गुरू का ताल के सामने तिराहे को गोद लिया है, जहां सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है। इसके साथ ही इस तिराहे को यातायात जागरूकता को ध्यान में रखते हुए एक आदर्श तिराहा बनाने की योजना है। ट्रेफिक सपोर्ट टीम के अध्यक्ष सुनील खेत्रपाल ने कहा कि टीम का मुख्य उद्देश्य लोगों में ट्रेफिक सेंस पैदा करना है। हेलमेट या सीट बेल्ट जैसी छोटी-छोटी सावधानियों से हम अपनी जान बचा सकते हैं। वहीं हमें यह भी ध्यान रखना है कि ट्रेफिक के नियमों का पालन करें ताकि दूसरों को कष्ट न हो। मसलन यदि हम आवश्यकता न होने पर ट्रेफिक आवर्स में न निकलें, ट्रेफिक सिग्नल्स का ध्यान रखें, गाड़ी चलाते वक्त जल्दबाजी न करें, किसी डिवाइडर पर गाडी चढ़ाकर या कट से निकलने की कोशिश करने के बजाए यूटर्न का इस्तेमाल करें तो हम जाम लगने से बचा सकते हैं और ट्रेफिक को स्मूद रख सकते हैं। हिन्दुस्तान काॅलेज आॅफ साइंस एंड टेक्नोलाॅजी के निदेशक डा. नवीन गुप्ता ने आॅटो रिक्शा ड्राइवर्स की टीम एसओएस से परिचित कराया जो शहर में ट्रेफिक नियंत्रण में भागीदार बन रही है। इस टीम में दर्जनों आॅटो रिक्शा ड्राइवर्स हैं जो घायलों को अस्पताल पहुंचाने, पर्यटकों का छूटा हुआ सामान उन तक पहुंचाकर ईमानदारी की मिसाल कायम करने, बिजली-पानी की बर्बादी रोकने, तंबाकू के खिलाफ अभियान जैसी चीजों पर काम कर रहे हैं। इंडिया राइजिंग के डा. आनंद राय ने भी यातायात नियमों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
रेनबो हाॅस्पिटल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डा. राजीव लोचन शर्मा ने अतिथियों से परिचय कराया। कार्यक्रम का संचालन लीडर्स आगरा के सुनील जैन ने किया। इस अवसर पर ट्रेफिक सपोर्ट टीम के सुजाता खेत्रपाल, याचना शर्मा, एकता जैन, गुलजार अली, अर्पित गुप्ता, अमित गुप्ता, विपिन श्रीवास्तव, रेनबो हाॅस्पिटल के महाप्रबंधक राकेश आहूजा, लवकेश गौतम, सुदीप पुरी, अमृतपाल सिंह चड्ढा, तरूण मैनी, केशवेंद्र सिसौदिया, विश्वदीपक, नवनीत उपाध्याय, धर्मेंद्र, मनोज आदि मौजूद थे।
चर्चा के मुख्य बिंदु
– सड़क हादसों को कैसे कम किया जाए?
– सबसे जरूरी है कि सड़क से सबंधित मूल नियमों का ईमानदारी से पालन किया जाए, चाहे वो सड़क पर चलने वाले लोग हों या वाहन चालक, यदि सभी नियमों का सही तरीके से पालन करेंगे तो दुर्घटनाएं कम होंगी।
– सुरक्षा नियमों का पालन बच्चों को सिखाना बहुत जरूरी है और यह तभी संभव है, जब अभिभावक और शिक्षक खुद इन नियमों का पालन करेंगे।
– चले वक्त हमेशा फुटपाथ का उपयोग करें, जहां फुटपाथ न हो, वहां सड़क के एकदम बाईं ओर ही चलें।
– कभी भी धैर्य खोकर जल्दबाजी न दिखाएं, सिग्नल तोड़ने या सामने से गाडी को आता देख भागकर रोड क्राॅस कभी न करें।
– सड़क पार करते वक्त जेब्रा काॅसिंग सिग्नल, सब-वे, फुट ओवर ब्रिज का उपयोग करें, जिन जगहों पर ये सुविधाएं न हों, वहां सुरक्षित जगह देखकर पार करें।
– ग्रीन सिग्नल के वक्त ही रोड क्राॅस करें या फिर यदि वहां ट्रेफिक पुलिस है तो उनके निर्देशानुसार पार करें।
– जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए कि जल्दबाजी न करें।
– सड़क पर वाहन चलाते वक्त हेलमेट जरूर पहनें, चार पहिया वाहन में बैठे हैं तो सीट बेल्ट अवश्य लगाएं।
– सड़क किनारे वाहन कहीं भी खड़ा करके न चले जाएं, यह जाम और हादसों की वजह बनता है।
– ट्रेफिक पुलिस को देखकर भागने की कोशिश न करें या गलत जगह गाड़ी घुमाने की कोशिश कभी न करें।
– हमेशा सिग्नल होने पर ही वाहन आगे बढ़ाएं, रेड लाइट के ग्रीन होने तक इंतजार करें।