Ram Rahim Rape Case verdict: Punjab mail cancel at Agra cantt
आगरालीक्स… राम रहीम रेप में दोषी पाए जाने के बाद भडकी हिंसा के बाद आगरा कैंट पर पंजाब मेल के पहुंचते ही यात्रियों को उतार दिया गया, ट्रेन को कैंसल कर दिया है और यात्रियों को दूसरी गाडी से भेजा गया है। इसी तरह मथुरा में छत्तीसगढ एक्सप्रेस रोक दी गई है।
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को शुक्रवार दोपहर बाद करीब तीन बजे पंचकूला स्थित सीबीआइ कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने साध्वी यौन उत्पीड़न मामले में दोषी करार दे दिया। अदालत अब सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनाएगी। वहीं, पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद रोहतक जेल में भेज दिया है, इसके बाद से समर्थक प्रदर्शन और तोडपफोड कर रहे हैं। ऐसे में आगरा से हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर जाने वाले ट्रेनों को रोक दिया गया। यहां रात आठ बजे पंजाब मेल पहुंचे, इसके यात्रियों को ट्रेन से उतार दिया गया।
डेरा प्रमुख शुक्रवार दोपहर दो बजकर बीस मिनट पर अपनी बेटी के साथ सीबीआइ कोर्ट के अंदर पहुंचे। कोर्ट में सीबीआइ के वकील एचपीएस वर्मा व डेरे के वकील एसके गर्ग नरवाना मौजूद थे। सफेद कुर्ता-पायजामा, जूते पहने डेरा मुखी अदालत में हाथ जोड़कर खड़े हो गए। उनके बाल खुले हुए थे। जज ने पांच मिनट समय दिया और फिर डेरा प्रमुख के अपराधों को पढ़कर सुनाना शुरू किया। लगभग सात मिनट बाद उन्होंने डेरा प्रमुख को दोषी करार दे दिया।
इस दौरान डेरा प्रमुख के चेहरे से पसीना टपकता रहा। सूत्रों के मुताबिक उन्हें कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। जब जज ने दोषी करार दिया तो डेरा प्रमुख ने अपनी बेटी से पूछा कि इन्होंने क्या कहा। इस पर बेटी ने बताया कि आपको दो लड़कियों से दुराचार, धारा 506 में दोषी करार दिया गया है। यह सुनते ही डेरा मुखी के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ गईं। इसके बाद जज जगदीप सिंह ने कोर्ट में मौजूद सेना के जवानों से कहा कि गुरमीत राम को हिरासत में ले लिया जाए। सेना डेरा प्रमुख को हिरासत में लेकर कमांड एरिया ले गई। वहां से कुछ देर बाद डेरा प्रमुख को हेलीकॉप्टर से रोहतक जेल ले जाया गया।
आगरा में सिख समाज के विरोध के कारण नहीं हो सका था कार्यक्रम
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम का आगरा में नवंबर 2007 में रुहानी सत्संग का कार्यक्रम बना था। यह यहां देवरी रोड पर होना था। प्रशासन ने अनुमति दे दी थी। पोस्टर लग चुके थे। लेकिन सिख समाज के लोग सत्संग से ठीक एक दिन पहले इसके विरोध में खड़े हो गए थे। इसमें काफी लोग शामिल हुए थे। पुलिस अधिकारी परेशान हो गए थे। तत्कालीन आईजी विजय कुमार से भी प्रतिनिधि मंडल मिला था। आईजी से कहा गया कि कार्यक्रम हुआ, तो ठीक नहीं रहेगा, बवाल हो जाएगा। तत्कालीन डीएम अजय चौहान भी परेशान हो गए थे। इसके बाद शासन तक मुद्दा गया था। बाद में डेरा प्रमुख का कार्यक्रम रद्द हो गया था।