There are many auspicious coincidences on Shri Hanuman Janmotsav on
Rajeshwar temple Mela start in Agra
आगरालीक्स… आज से सावन शुरु हो गए, सावन का पहला दिन सोमवार है तो अंतिम दिन भी सोमवार होगा, यह संयोग 50 साल बाद बन रहा है। आगरा में पहले सोमवार को राजेश्वर मंदिर मेला है।
सोमवार सुबह से ही शिवालयों में लोगों की भीड उमड रही है, जलाभिषेक के लिए सुबह से ही शिवालयों में लंबी लाइन लगी हुई है। सोमवार, सावन मास, वैधृति योग व आयुष्मान योग सभी के मालिक स्वत: शिव ही हैं। इसी वजह से इस बार का सावन खास है। पुराणो के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा, अभिषेक, स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है।
सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनो प्रसन्न होते हैं। इनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टो से मुक्ति मिलती है। निर्धन को धन और नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याओ को मनचाहा वर मिलता है। बाबा भोले की पूजा से भाग्य पलट सकता है।
पहले सोमवार को ऐसे करें पूजा
10 जुलाई को पड़ रहे पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना करना चाहिए है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तो को ऊं लक्ष्मी प्रदाय की ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नम: का मंत्र का जाम 11 माला करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है।
द्वितीय सोमवार को करें महाकालेश्वर की पूजा
17 जुलाई को पड़ रहे दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। श्रद्धालु को ऊं महाशिवाय वरदाय ही ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम: मंत्र का रुद्राक्ष की माला से कम से कम 11 मामला जाप करना चाहिए। महाकालेश्वर की पूजा से सुखी गृहस्थ जीवन, पारिवारिक कलह से मुक्ति, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है।
तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर की पूजा
24 जुलाई को पड़ रहे सावन के तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है। इन्हें खुश करने के लिए ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नम: मंत्र का 11 माला जाप करना श्रेष्ठ माना गया है। इनकी विशेष पूजन से अखंड सौभाग्य, पूर्ण आयु, संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा, कन्या विवाह, अकाल मृत्यु निवारण व आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है।
चौथे सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की आराधना
31 जुलाई को पड़ रहे चौथे सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कुश के आसन पर बैठकर ऊं रुद्राय शत्रु संहाराय क्ली कार्य सिद्धये महादेवाय फट् मंत्र का जाप 11 माला शिवभक्तो को करनी चाहिए। तंत्रेश्वर शिव की कृपा से समस्त बाधाओ का नाश, अकाल मृत्यु से रक्षा, रोग से मुक्ति व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पांचवें सोमवार को शिव स्वरूप भोले की पूजा
सात अगस्त को पड़ रहे पांचवें सोमवार को श्री त्रयम्बकेश्वर की पूजा की जाती है। वैसे साधन को जो सावन में किसी कारण कोई सोमवार नही कर पाते हैं उन्हें पांचवें सोमवार का व्रत करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसमें रुद्राभिषेक, लघु रुद्री, मृत्युंजय या लघु मृत्युंजय का जाप करना चाहिए।