Poet Gopaldas Neeraj passes away after septic shock in AIIMS, Delhi
आगरालीक्स.. आगरा में बीमार होने के बाद कवि गीतकार पदमभूषण गोपाल दास नीरज का गुरुवार को एम्स, दिल्ली में निधन हो गया, सेप्टिक शॉक में जाने के बाद उन्हें बुधवार को आगरा से एम्स रेफर किया गया था।
17 जुलाई की सुबह कवि गोपाल दास नीरज को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उनकी बेटी बेटी कुंदनिका शर्मा बेटे अरस्तु प्रभाकर सांई हॉस्पिटल कमला नगर लेकर पहुंचे, यहां उन्हें आॅक्सीजन पर रखा गया है। इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि चेस्ट में इन्फेक्शन और निमोनिया से सांस लेने में तकलीफ हो रही है। उनका ब्लड प्रेशर भी बढा गया है, इसे देखते हुए हार्ट की जांच भी कराई जा रही है। इसके लिए उन्हें बडे सेंटर में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। हायर सेंटर में कवि गोपाल दास नीरज को सांस लेने में तकलीफ होने पर वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया जाएगा, जिससे उन्हें सांस लेने में समस्या ना आए।
आगरा में अपने परिजनों के पास थे कवि गोपालदास
बॉलीवुड के गीतकार और अपने अल्हड अंदाज और अदा ए बेबाकी के लिए देश दुनिया में प्रचलित कवि गोपालदास नीरज अपने परिजनों के साथ बल्केश्वर स्थित आवास पर थे। यहां उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। उनके परिवार के सदस्यों के साथ ही साहित्य प्रेमी और शहर के तमाम लोग उनकी सेहत की जानकारी लेने के लिए पहुंच गए हैं।
पहले भी कई बार बिगड चुकी है तबीयत
93 साल के कवि गोपाल दास नीरज को पहले भी कई बार तबीयत बिगडने पर हॉस्पिटल में भर्ती किया जा चुका है। उनका जन्म 4 जनवरी 1925 को गांव पुरावली इटावा में हुआ था। एक टाइपिस्ट से करियर शुरू करने वाले कवि गोपालदास नीरज ने काम करते हुए एमए हिंदी साहित्य की डिग्री ली और मेरठ विवि में अध्यापन कार्य किया, इसके साथ ही मंच पर काव्य पाठ करने लगे। उन्हें नई उमर की नई फसल के गीत लिखने का निमन्त्रण मिला, उन्होंने पहली ही फ़िल्म में कारवाँ गुजर गया गुबार देखते रहे और देखती ही रहो आज दर्पण न तुम, प्यार का यह मुहूरत निकल जायेगा बेहद लोकप्रिय हुए, इसके बाद वे मुंबई में रहकर फ़िल्मों के लिये गीत लिखने लगे। मेरा नाम जोकर, शर्मीली और प्रेम पुजारी जैसी अनेक चर्चित फिल्मों में कई वर्षों तक जारी रहा। वे मुंबई से अलीगढ लौट आए और काव्य पाठ करने लगे। वे सालों से अलीगढ में ही रह रहे हैं।