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Nirankari Mission head Baba Hardev Sing dies, Tears of sorrow in Agra
आगरालीक्स… दुनिया में एक करोड से ज्यादा भक्तों के आध्यात्मिक गुरु और संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की सडक हादसे में मौत से आगरा में भक्तों की आंखों के आंसू थम नहीं रहे हैं। संत निरंकारी आश्रम, अर्जुन नगर में श्रदृधालुओं की भीड लगी रही, जोनल इंचार्ज माता कांता का कहना है कि भरोसा नहीं हो रहा है कि बाबा हरदेव सिंह दुनिया से अलविदा कह गए हैं। शनिवार को शाम चार से पांच बजे तक निरंकारी भवन पर सिमरन किया जाएगा।
मीडिया प्रभारी सचिन ओबराय का कहना है कि वर्ष 2011 में पफतेहाबाद रोड स्थित एडीए हाइटस में बाबा हरदेव सिंह का सत्संग हुआ था, इसके बादर वर्ष 2015 में तारघर मैदान में सत्संग हुआ था। वर्ष 2011 के प्रादेशिक समागम के दौरान बाबा हरदेव सिंह और उनकी पत्नी माता सविंद्र कौर ने ताज का दीदार किया था।
23 फरवरी, 1954 को दिल्ली में बाबा हरदेव सिंह का जन्म हुआ था और इस वक्त दुनिया भर में इनके एक करोड़ से ज़्यादा भक्त बताए जाते हैं। संत निरंकारी मिशन की दुनिया भर के 27 देशों में लगभग 100 शाखाएं हैं, तथा इनका मुख्यालय दिल्ली में है।बाबा हरदेव सिंह को वर्ष 1980 में संत निरंकारी मिशन के तत्कालीन प्रमुख तथा उनके पिता की हत्या के बाद मिशन प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद से वह ‘सतगुरु’ की उपाधि धारण करने लगे।
दिल्ली से न्यूयार्क हुए थे रवाना
25 अप्रैल को बाबा दिल्ली से रवाना हुए थे और न्यूयार्क के बाद कनाडा पहुंचे थे। हादसा कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में हुए हादसे की बाबा के दामाद ने मीडिया में पुष्टि की है, उन्होंने कहा है कि बाबा हरदेव का निधन सड़क हादसे में हुआ है। संत निरंकारी बाबा की 27 देशों में 100 शाखाएं हैं। वह संत निरंकारी मिशन के प्रमुख थे। देश-दुनिया में उनको मानने वालों की संख्या लाखों में है। इस खबर के बाद इनमें शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार भी सदमे में है। निरंकारी मिशन ने श्रद्धालुओ से दुःख की घड़ी में धैर्य की अपील की है और और उच्च कानूनी प्रक्रियाओं के बाद आगामी रूप रेखा तय होगी।
बाबा हरदेव सिंह
हरदेव सिंहजी का जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में हुआ था।
– उन्होंने घर पर ही पढ़ाई करके शिक्षा हासिल की थी बाद में वे संत निरंकारी कॉलोनी में रोसरी स्कूल और फिर पटियाला के एक बोर्डिंग स्कूल से पढ़ने चले गए।
– 1971 में उन्होंने निरंकारी सेवा दल ज्वाइन कर लिया।
– फर्रुखाबाद की सविंदर कौर से उन्होंने 1975 में शादी की थी। सविंदर दिल्ली में निरंकारी संत समागम की मेंबर भी थी।
– 1980 में उनके पिता की हत्या हो गई थी। उसके बाद वे संत निरंकारी मिशन के मुखिया बने। 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी।