Myth about rain, Circus delay monsoon in Agra
आगरालीक्स… मानसून की दस्तक के बाद भी आगरा में बारिश नहीं हो रही है, काली घटाएं छाती हैं, बादल घुमड घुमड कर आते हैं, लेकिन बरसते नहीं हैं, क्या सर्कस तो कारण नहीं है। आगरा के कोठी मीना बाजार में सर्कस लगा हुआ है, मिथक है कि सर्कस में व्यवधान ना पडे, इसके लिए बादलों को बांध देते हैं और बारिश नहीं होती है। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन आगरा को छोडकर आस पास के जिलों सहित उत्तर प्रदेश में तेज बारिश हो रही है। यहां बूंदांबादी भी एक निर्धारित क्षेत्र में हुई है, इससे सर्कस से जुडे मिथक चर्चा का विषय बने हुए हैं।
आगरा के कोठी मीना बाजार में जून में सर्कस लगा है, इसी बीच 26 जून से मानसून की बारिश की संभावना जताई गई थी, मानसून की बारिश से सर्कस के शो चलाने और लोगों की भीड जुटाने में समस्या आती है। इसके चलते लंबे समय से मिथक है कि सर्कस को सही तरह से चलाने के लिए बादलों को बांध दिया जाता है, उत्तर प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद भी आगरा में बारिश न होने पर सर्कस के लिए बादलों के बांधने की चर्चा तेज हो गई है।
ऐसा कोई वैज्ञानिक कारण नहीं
सर्कस के लिए बादलों को बांधा जा सकता है, इसका कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, आगरा में बारिश क्यों नहीं हो रही है, इसके पीछे बादलों का दबाव माना जा रहा है।
इस तरह होती है बारिश
धूप में धरती से पानी वाष्पकण के रूप में उपर जाता है, जब गर्म नम हवा, ठंडे और उच्च दबाव वाले वातावरण के संपर्क में आती है तब बारिश होती है. गर्म हवा अपने अंदर ठंडी हवा से ज्यादा पानी जमा कर सकती है. और जब ये हवा अपने जमा पानी के साथ ऊंचाई की और जाती है तो ठंडे जलवायु से जाकर मिल जाती है और अपने अन्दर जमा पानी के भारी हो जाने से उसे नीचे गिरा देती है. जिससे बारिश हो जाती है.
दाहरण के तौर पर जब आप नीचे से केतली को गर्म करते हो तो आपको केतली में उबलते हुए गुबार दिखेंगे. इस प्रक्रिया को उप-ड्राफ्ट्स कहते हैं. इसी तरह जब पृथ्वी गर्म होती है तो जमीन के ऊपर की सतह की हवा हल्की हो जाने से सीधा ऊपर जाती है. यह अपने साथ पानी जमा करती जाती है और एक शिखर पर पहुँच कर ये पानी के भारी हो जाने पर पानी को छोड़ देती है.