New toll rates released for Agra-Lucknow, Purvanchal and Bundelkhand Expressway,
Meet at Agra 10th edition from 12th November
आगरालीक्स…. आगरा के आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) का सालाना आयोजन मीट एट आगरा का दसवां संस्करण 12 नवंबर से माल रोड स्थित बीएसएनएल ग्राउंड में होने जा रहा है। तीन दिवसीय आयोजन में कुल 286 स्टॉल बनाए जा रहे हैं।
अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि मीट एट आगरा साल दर साल बढ़ रहा है। मौजूदा संस्करण के लिए दो महीने पहले ही सभी स्टॉल भर गए। इसके चलते 300 मीटर क्षेत्र बढ़ाया गया। कुल 6300 मीटर में चार हॉल बनाए गए हैं। इनमें चमड़ा, फुटवियर कॉम्पोनेंट और मशीनरी प्रदर्शित की जाएगी। फेयर में यूनाइटेड किंग्डम, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की, इटली के प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। ताईवान से सात प्रदर्शकों की दस स्टॉल हैं। वहीं पाकिस्तान के एक प्रदर्शक ने भी बुकिंग कराई है। ताईवान और पाकिस्तान के प्रदर्शकों की सूची विदेश मंत्रालय को भेजी गई है। यहां से हरी झंडी होने के बाद ही इनको मीट एट आगरा में शामिल किया जाएगा। वार्ता में कैप्टेन एएस राना, राजेश सहगल, ललित अरोड़ा, जितेन्द्र त्रिलोकानी, विजय निझावन, सुनील मनचंदा, सुधीर गुप्ता, कर्नल आरके खिंदड़ी शामिल रहे।
फेयर आयोजकों ने बताया कि महज एक करोड़ के टर्नओवर पर फुटवियर इंडस्ट्री सौ लोगों को रोजगार देने में सक्षम है। पचास प्रत्यक्ष और पचास अप्रत्यक्ष। यही वजह है कि मेक इन इंडिया में इस सेक्टर को तवज्जो दी गई है। चमड़ा उद्योग में बड़ी गिरावट के समय में भी फुटवियर उद्योग ने अपने आपकों संभाले रखा है। अगस्त 2016 तक के आंकड़ों में मात्र 0.15 फीसदी गिरावट दर्ज हुई है। रुपये में यदि आकलन करें तो कारोबार में छह फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है।
साल दर साल मीट एट आगरा
– पहले संस्करण (2007) में 100 से भी ज्यादा कंपनियों की भागीदारी। 150 करोड़ के कारोबार के लिए रास्ता खुला। फुटवियर उद्योग से जुड़े पाँच हजार लोगों की भागीदारी
– दूसरे संस्करण (2008) में 150 से भी ज्यादा कंपनियों की भागीदारी। 400 करोड़ के कारोबार के लिए रास्ता खुला। फुटवियर उद्योग से जुड़े दस हजार लोगों की भागीदारी
– तीसरे संस्करण (2009) में 160 से भी ज्यादा कंपनियों की भागीदारी। 500 करोड़ के कारोबार के लिए रास्ता खुला। फुटवियर उद्योग से जुड़े 15 हजार से भी ज्यादा लोगों की भागीदारी।
– चौथे संस्करण (2010) में 165 से भी ज्यादा कंपनियों की भागीदारी। 600 करोड़ के कारोबार के लिए रास्ता खुला। फुटवियर उद्योग से जुड़े 17 हजार से भी ज्यादा लोगों की भागीदारी।
– पाँचवें संस्करण (2011) में 170 से भी ज्यादा कंपनियों की भागीदारी। 700 करोड़ के कारोबार के लिए रास्ता खुला। फुटवियर उद्योग से जुड़े 20 हजार से भी ज्यादा लोगों की भागीदारी।
– छठवेंं संस्करण (2012) में 150 से भी ज्यादा कंपनियों की भागीदारी। 1400 करोड़ के कारोबार के लिए रास्ता खुला। फुटवियर उद्योग से जुड़े 20 हजार से भी ज्यादा लोगों की भागीदारी।
– सातवें संस्करण (2013) में 150 से भी ज्यादा कंपनियों की भागीदारी। 1500 करोड़ के कारोबार के लिए रास्ता खुला। वास्तविक खरीदारों की संख्या 5740 दर्ज हुई जो बड़ी उपलब्धि है।
– आठवें संस्करण (2014) में लगभग 170 कंपनियों की भागीदारी। लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपये के निर्यात का रास्ता खुला। वास्तविक खरीदारों की संख्या 6471 रही। कुल 18000 का फुटफॉल
– नवां संस्करण (2015) में लगभग बीस हजार का फुटफॉल, 6661 वास्तविक खरीदार, लगभग 2000 करोड़ रुपये के निर्यात की जमीं हुई तैयार। लगभग 180 कंपनियों की फेयर में भागीदारी।