The teachings and philosophy of Jesus Christ are relevant even
Khatu shyam darshan start in Agra
आगरालीक्स …अब आप आगरा के भव्य खाटू श्याम मंदिर में श्याम बाबा के दर्शन कर सकेंगे। सौ किलो चांदी के सिंहासन पर बाबा के विराजमान होते ही सैकड़ों हाथ बाबा के अभिवादन में उठ गए। बुधवार को पांच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा के पूजन के बाद खाटू श्याम मंदिर, जीवनी मंडी में सवा सौ किलो चांदी के सिंहासन पर बाबा विराजमान हुए। फूलों व मेवाओं की 51 मालाओं, चंदन रोली से श्रंगारित बाबा की पहले दर्शन पाकर हर कोई धन्य था। सात कुंतल फूलों से सजा बाबा का दरबार सतरंगी फूलों की छटा और सुगंधी की खुशबू से महक रहा था। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर बाबा के दरबार तक हर छटा मनमोहक थी। हर तरफ बाबा के जयकारों की गूंज के साथ पहली महाआरती राजस्थान (सीकर) खाटू श्याम जी मंदिर के श्याम सिंह चौहान ने आज के यजमान हेमेन्द्र अग्रवाल व रविशंकर अग्रवाल के साथ सम्पन्न की।
बुधवार को श्याम बाबा के शैया दिवास के बाद प्रातः उन्हें उठाकर नित्य पूजन किया गया। प्राण प्रतिष्ठा का पूजन सम्पन्न होने के बाद लगभग 11 बजे बाबा के दर्शन सभी भक्तों के लिए खुल गए। महाआरती के वक्त घंटे घडियाल व शंखनाद की पवित्र ध्वनि से पूरा परिसर गूंज उठा। बाबा के पहले अलौकिक व मनमोहक दर्शन पाने को हर भक्त ललायित था।
22-24 फरवरी को होगी श्याम बाबा की कथा
22 से 24 फरवरी तक जयपुर के कथा वाचक कुमार गिर्राज द्वारा श्री कथा कथा का वाचन दोपहर एक बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा। कथा प्रारम्भ होने से पूर्व 22 फरवरी को सुबह 11 बजे जीवनी मंडी स्थित मातंगी अपार्टमेंट से खाटू श्याम जी के मंदिर तक कलश यात्रा भी निकाली जाएगी। वहीं 22 फरवरी को 7 बजे से दिल्ली के भजन गायक शीतल पांडे अपनी भक्तिमय आवाज से भजन संध्या में बाबा के भजन गाएंगे। 23 फरवरी को भजन संध्या में कोलकाता के रोहित शर्मा (जिम्मी) बाबा के भजन के भक्तिमय रंग बिखेरेंगे।
प्रतिदिन होंगी बाबा की पांच आरती
जीवनी मंडी स्थित नवनिर्मित खाटू श्याम जी के मंदिर में श्याम बाबा की प्रतिदिन पांच आरती होंगी। सर्वप्रथम प्रातः 6 बजे मंगला आरती, 9 बजे श्रंगार आरती, दोपहर 12 बजे भोग आरती। इसके बाद दोपहर एक बजे से शाम 4.30 बजे तक बाबा के शयन का समय होगा और मंदिर बंद रहेगा। शाम 4.30 बजे मंदिर खुलने के बाद शाम 7 बजे भोग आरती होगी और अंत में रात 9.30 बजे शयन आरती। 26 फरवरी (रंगभरनी एकादशी) को बाबा फूलों व लड्डुओं की होली खेलेंगे।