Internet service halt for 16 hours in Agra, How company manage to stop internet service
आगरालीक्स.. (चमन शर्मा) आगरा में 16 घंटे के लिए इंटरनेट बंद रहा, मोबाइल से कॉल ही की जा सकीं, कैसे बंद होती है इंटरनेट सर्विस और बंद न करने पर टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है।
आगरा में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद के लिए सडकों पर उतरे युवाओं से उत्पात मचाया। सुबह हाईवे जाम करने के बाद दोपहर में कलक्ट्रेट पर कब्जा कर लिया, हिंदुस्तान कॉलेज की बस में आग लगा दी, होटल और वाहनों में तोडफोड की। बाजार बंद करा दिए, लूटपाट और मारपीट की गई। रात होते होते शराब के ठेके पर लूट की, बुंदू कटरा चौकी को फूंक दिया।
सोशल मीडिया से बढा बवाल, इंटरनेट सर्विस की ठप
सोशल मीडिया से बवाल बढता चला गया, सोशल मीडिया के द्वारा उपद्रवी एकजुट हुए थे। इसके बाद शहर में आगजनी और बवाल के फोटो और वीडियो आने के बाद लोग दहशत में आ गए, मंगलवार को स्कूल बंद कर दिए गए। इसके साथ ही सोमवार रात से मंगलवार दोपहर दो बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
इस तरह टेलीकॉम कंपनी बंद करती हैं इंटरनेट
बीएसएनएल के एक अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम कंपनी के हर जिले में हाईपवार कॉम्पेक्ट सिस्टम (एमएचसी) होते हैं, इसमें कॉल करने के किलए वाइस और इंटरनेट के लिए डाटा के लिए अलग अलग हब होता है। इसी हब से टेलीकॉम कंपनी आॅपरेट करती है और कॉल व इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराई जाती है। हालात बेकाबू होने पर जिले के डीएम धारा 144 का हवाला देते हुए इंटरनेट सर्विस निर्धारित समय के लिए बंद करा सकते हैं। इंटरनेट सर्विस बंद करने के आदेश जारी होने के बाद टेलीकॉम कंपनी एमएचसी से डाटा के हब को स्विच आॅफ कर देती हैं। इसके स्विच आॅफ करने से इंटरनेट कनेक्टिविटी खत्म हो जाती है, इसके बाद टेलीकॉम यूजर्स केवल कॉल कर सकते हैं। आपात स्थिति में बीएसएनएल के द्वारा भी सभी टेलीकॉम कंपनी के हब को बंद कराया जा सकता है।
बंद न करने पर कार्रवाई का भी प्रावधान
धारा 144 का हवाला देते हुए इंटरनेट सर्विस निर्धारित समय के लिए बंद करने के आदेश डीएम द्वारा जारी किए जाते हैं। आदेश का पालन न करने पर धारा 188 के तहत टेलीकॉम कंपनी पर कार्रवाई का भी प्रावधान है।