Special on Shri Hanuman Janmotsav: Get relief from office-home tensions
IMA, Agra doctor’s on strike, protest against government policy
आगरालीक्स… बीमार हैं और डॉक्टर को दिखाने जा रहे हैं तो न जाएं, आज डॉक्टरों की हडताल है, तबियत गंभीर है तो एसएन और जिला अस्पताल में इलाज करा सकते हैं। सरकारी नीतियों के विरोध में आगरा सहित देश भर में डॉक्टर मंगलवार को एक दिवसीय हडताल पर रहेंगे। आईएमए अध्यक्ष (आगरा) डॉ. आरएस कपूर ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में सरकारी नितियों के खिलाफ डॉक्टरों की 6 जून को देशव्यापी हड़ताल रहेगी। देश भर के डॉक्टर दिल्ली में राजघाट पर रैली में भाग लेने के लिए एकत्रित होंगे और वहां से एप्रिन पहनकर पैदल मार्च करते हुए इंदिरा गांधी इंटोर स्टेडियम पहुंचेंगे। चिकित्सा क्षेत्र में सरकार की गलत नीतियां डॉक्टरों के काम में बाधा बन रहीं हैं। जिसका खामियाजा अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों को भी भुगतना पड़ता है। कहा कि डॉक्टर सरकारी पचड़ों में पड़ा रहे या फिर मरीजों का इलाज करे। इलाज करने में दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। आईएमए डॉ. सचिव मुकेश गोयल व कोषाध्यक्ष डॉ. आलोक मित्तल ने कहा कि 6 जून को सबी डॉक्टर कार्य से विमुक्त रहेंगे। आगरा से लगभग 200 डॉक्टर दिल्ली में आयोजित रैली में भाग लेने पहुंचेंगे। इस अवसर पर प्रसीडेंट इलेक्ट (आईएमए) डॉ. रवि पचौरी, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ. हरेन गुप्ता, डॉ. गम्भीर सिंह शिकरवार मौजूद थे।
आईएमए की प्रमुख मांगे
1-डॉक्टर एवं मेडिकल सेक्टर पर हिंसा मारपीट एवं तोड़फोड़ के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए।
2-डॉक्टर व उनके चिकित्सा प्रतिष्ठानों के रजिस्ट्रेशन को एकल विंडो के माध्यम से किया जाए व लाइसेंस राज को समाप्त किया जाए।
3-इलाज व जांच की प्रक्रिया का अपराधिकरण न होने दिया। यानि इलाज एवं जांच में लापरवाही की शिकायत थाने में न होकर सीएमओ या एमसीआई को की जानी चाहिए।
4-एमसीआई में सुधार किया जाए न कि एमसीआई को भंग कर नेशनल मेडिकल कमीशन को थोपा जाए।
5-नेशनल एग्जिट टेस्ट के प्रस्ताव को खारिज किया जाए। उसके स्थान पर एक समान फाइनल एमबीबीएस परीक्षा कराई जाए।
6-डॉक्टरों द्वारा इलाज व जांच लिखने की पेशेवर स्वतंत्रता मिले। इलाज की प्रक्रिया में सरकारी दखल बंद हो।
7-केवल जेनरिक दवाओं को लिखने की बाध्यता न हो।
8-जेनरिक व ब्रांडेड दवाओं के रेट में बहुत अंतर न हो।
9-एलोपैथिक दवा लिखने के लिए केवल एलोपैथिक डॉक्टरों (एमबीबीएस व बीडीएस डॉक्टरों) को अधिकृत किया जाए।
10-हेल्थ बजट बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर किया जाए। जो कि व4तमान में लगभग एक प्रतिशत है।
11-प्रस्तावित क्लीनिकल स्टेबलिशमेंट एक्ट को खारिज किया जाए। उसके स्थान पर वर्तमान सीएमओ रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को सुधार के साथ ऑनलाइन किया जाए।
12-पीसीपीएनडीटी एक्ट के लिपिकीय त्रुटि को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए।
13-6 हफ्ते के अंदर इंटरमिनिस्ट्रियल कमेटी के रिपोर्ट को लागू किया जाए।
14-आवासीय क्षेत्र में चलने वाले क्लीनिक डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम को जन उपयोग की सुविधा के तहत लेंड सिलिंग से मुक्त रखा जाए।