Help line number release by SN Medical College, Agra for Eye Donation
आगरालीक्स …आगरा में म्रत्यु के बाद 24 घंटे नेत्रदान की जा सकती हैं, मौत के छह घंटे के दौरान नेत्रदान कर सकते हैं, इसके लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है। गार्गी की भी मौत के बाद परिजनों ने नेत्रदान कराया था।
शनिवार को नेत्रदान पखवाडे के तहत एसएन मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में कार्यक्रम आयोजित किया गया। आईबैंक की प्रभारी डॉ सैफाली मजूमदार ने बताया कि मौत के छह घंटे तक आंखें दान की जा सकती हैं। मौत के तुरंत बाद आंख बंद कर देनी चाहिए और गीली रुई आंखों पर रख दें, इससे आंख नम रहेंगी। नेत्रदान के दौरान आंख का कुछ हिस्सा लिया जाता है पूरी आंख नहीं निकाली जाती है।
दो लोगों की रोशनी
नेत्रदान करने से दो लोगों की आंख की रोशनी लौट सकती है, शहर में तमाम लोग मौत के बाद नेत्रदान करा रहे हैं लेकिन अभी भी अंधता से पीडित लोगों के लिए बडी संख्या में कॉर्निया की जरूरत है, यह नेत्रदान से ही संभव है।
24 घंटे हेल्प लाइन नंबर
नेत्रदान के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज द्वारा हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है, मोबाइल नंबर 9639592894 पर संपर्क कर सकते हैं। मौत के बाद आईसीयू और पोस्टमार्टम ग्रह से भी नेत्रदान कराने की व्यवस्था की जा रही है।
सेंट पैट्रिक्स की छात्रा गार्गी की मौत के बाद नेत्रदान
आगरा की बिटिया सेंट पैट्रिक्स की 11 वीं की छात्रा गार्गी शर्मा की रक्षाबंधन से एक दिन पहले सांस थम गई लेकिन आंख जिंदा रहेंगी, मौत के बाद गार्गी शर्मा का नेत्रदान कराया गया। उसकी आंख दुनिया की चकाचौंध देख सकेगी, गार्गी की आंखों से दो लोगों की अंधेरी जिंदगी में उजाला होगा।
आगरा में मदिया कटरा निवासी आॅटो पार्ट विक्रेता आनंद शर्मा की बेटी गार्गी शर्मा सेंट पैट्रिक्स वजीरपुरा रोड में 11 वीं छात्रा थी। 16 अगस्त को वह स्कूल में रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने गई थी, सुबह 10 30 बजे फॉर्म भरने के बाद वह अपनी स्कूटी से स्कूल से बाहर निकली, उसके पीछे दूसरी स्कूटी से लॉयर्स कॉलोनी निवासी उसकी फ्रेंड सिदृध्यांशी थी। स्कूल से बाहर निकलते ही पीछे से आ रहे नगर निगम के डंपर ने गार्गी की एक्टिवा को चपेट में ले लिया, इससे वह सडक पर गिर गई, डंपर का पिछला पहिया गार्गी के बाएं पैर से होकर निकल गया। हादसे में गार्गी शर्मा का पैर सहित नीचे का हिस्सा बुरी तरह से फट गया। उसे गंभीर हालत में नयति मेडिसिटी में भर्ती कराया गया है। उसको खून देने और मदद के लिए शहरवासी आगे आ रहे हैं, गार्गी की जिंदगी के लिए दुआ की गई।
नेत्रदान किया, अन्य अंग भी करना चाहते थे दान
नयति हॉस्पिटल में गार्गी का एक पैर शरीर से अलग कर दिया गया है जिससे खून का बहाव बंद हो जाए। इसके साथ ही छह और आॅपरेशन भी किए गए हैं। उसका दिल साथ ले रहा है लेकिन शरीर के बडा हिस्से ने साथ देना बंद कर दिया है। मौत के बाद व्रंदावन के बीएचआरसी डॉ श्राफ आईकेयर इंस्टीटयूट में गार्गी का नेत्रदान कराया गया, डॉ जीएस श्रीवास्तव ने बताया कि गर्गी के परिजनों ने नेत्रदान करने के लिए कहा था, इसके बाद नेत्रदान कराया गया। उसकी कॉर्निया ठीक हैं और दो लोगों की जिंदगी में उजाला ला सकती हैं। गार्गी के परिजन दिल सहित अन्य अंग भी दान करना चाहते थे लेकिन यह संभव नहीं हो सका। आॅपरेशन के बाद से वह वेंटीलेटर पर थी। शनिवार दोपहर तीन बजे नयति हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने गार्गी शर्मा को म्रत घोषित कर दिया।