Agra News: Campaign will run against arbitrary and unregistered coaching
DIOS Transfer, Finance officer of Basic education suspend in Agra
आगरालीक्स… आगरा से शिक्षा विभाग की दो बडी खबरें आ रहीं हैं, डीआईओएस को हटाया, रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडे गए वित्त अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
डीआईओएस का तबादला
आगरा के डीआईओएस जितेंद्र यादव को हटा दिया गया है। उनकी जगह विनोद कुमार राय, डीआईओएस मउ को आगरा का नया डीआईओएस बनाया गया है। जबकि जितेंद्र यादव को उप प्राचार्य डायट, चित्रकूट भेजा गया है। सपा सरकार में जितेंद्र यादव डीआईओएस बने थे, पिछले दिनों उन्होंने भाजपा नेताओं पर अभद्रता के आरोप लगाए थे, इसके बाद डीआईओएस कार्यालय पर गलत तरीके से भर्ती करने के आरोप लगे थे, इन मामलों की जांच चल रही है।
रिश्वत लेते पकडे गए बीएसए कार्यालय के वित्त अधिकारी निलंबित
वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाअधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत मई को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडा गया था, उन्हें 3 मई को मेरठ में पेश किया गया, यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अनिल ढीगरा, विशेष सचिव ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवा नियमावली 1999 के नियम चार के उपनियमों के तहत निलंबित कर दिया है।
2 मई को रिश्वत लेते हुए पकडा
आगारा के बीएसए कार्यालय के युवा वित्त एवं लेखा अधिकारी को विजिलेंस की टीम ने 50 हजार रुपये लेते रंगे हाथ पकड लिया, यह उसकी पहली तैनाती थी। विजिलेंस टीम द्वारा पकडे गए वित्त एवं लेखा अधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत, मीतीई, हाथरस का रहने वाला है। उनकी पत्नी इंटर कॉलेज में हैं। बुधवार को एंटी करप्शन की मेरठ स्थित कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शिक्षक दिनेश चाहर ने लखनऊ विजिलेंस टीम को शिकायत की थी कि आगरा के बीएसए कार्यालय के वित्त एवं लेखा अधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत हर काम की रिश्वत लेते हैं। उनका कार्यालय दुकान की तरह है और पैसे के बिना शिक्षकों का एरियर, फंड सहित अन्य वित्तीय कार्य नहीं होते हैं। अधिकारी के साथ ही बाबू भी बेखौफ होकर रिश्वत ले रहे हैं। विजिलेंस टीम की जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद वित्त अधिकारी को पकडने के लिए जाल विछाया गया।
सोमवार को आ गर्इ् थी टीम, रिश्वत लेते ही दबोचा
लखनऊ विजिलेंस टीम के अधिकारियों ने सोमवार रात को सर्किट हाउस में डेरा डाल दिया था। उन्होंने मंगलवार सुबह पीड़ित को सर्किट हाउस बुलाने के बाद अधिकारियों ने उसे अपने साथ रखा। किसी से फोन पर बात नहीं करने दी। आ
विजिलेंस अधिकारियों ने सुबह दस बजे से ही बीएसए कार्यालय के आसपास डेरा डाल दिया था। उन्होंने शिक्षक दिनेश चाहर को 50 हजार रुपये लेकर भेजा, जैसे ही वित्त एवं लेखा अधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत ने 50 हजार रुपये लिए, विजिलेंस टीम ने उसे दबोच लिया।
यह है मामला
शिक्षक दिनेश चाहर ने बताया कि उसका निलंबन अवधि के जीवन निर्वहन भत्ता का 1.5 लाख रुपया रुका हुआ था। इसका बिल पास करने के बदले कन्हैया ने उससे रिश्वत में पहले 60 हजार मांगे। इसके बाद 50 हजार पर आ गया। उसने 25 अप्रैल को डीजी विजिलेंस से की थी। उसे विद्यालय से गैर हाजिर रहने पर दो सितंबर 2016 को निलंबित किया गया था। निलंबन अवधि में मिलने वाला भत्ता अभी तक उसे नहीं मिला था।