Conference on Urine Leakage problem of woman at Rainbow Hospital Agra
आगरालीक्स… आगरा में डॉक्टरों ने कहा कि अपनी बीमारियों को लेकर शर्मिंदगी महसूस ना करें, इसके बाद महिलाओं ने पार्टनर के साथ संबंध बनाने में दर्द से लेकर जननांगों के सूखापन पर चर्चा की।
आगरा आॅब्स एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसाइटी, यूरोलाॅजी क्लब आगरा और रेनबो हाॅस्पिटल की ओर से गुरूवार को सिकंदरा स्थित रेनबो हाॅस्पिटल में हर अनस्पोकन प्राॅब्लम्स विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्ट्रेस यूरिनरी इनकंटिनेंस (एसयूआई) पर जानकारी देते हुए यूरोलाॅजी सोसाइटी के अध्यक्ष डा. मधुसूदन अग्रवाल ने कहा कि यूरिनरी इंकांटिनेंस एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तौर पर प्रभावित करती है। इसमें यूरिन लीकेज पर शरीर का नियंत्रण नहीं रहता। इसे इनकाॅन्टिनेंस नाम दिया गया है। यह बेहद मुश्किल भरा होता है। यह हर उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है। ज्यादातर गर्भवती या 18 से 40 वर्ष की महिलाओं में यह समस्या ज्यादा रहती है। इस तरह की समस्याओं का आधुनिक इलाज आज उपलब्ध है, लेकिन महिलाओं को अपनी झिझक खोलनी होगी। वह अपने डाॅक्टरों से बात करें। फाॅग्सी की अध्यक्ष डा. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि विशेषज्ञ डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि जिस तरह भारत में बढती जनसंख्या, गरीबी, बाल विवाह, देहज प्रथा बडी समस्याएं हैं उसी तरह बीमारियों से पर्दाप्रथा भी खूब देखने को मिलती है। इससे होता यह है कि एक परिवार का संचालन करने वाली महिला का जीवन ही खतरे में पड जाता है। एओजीएस कीं अध्यक्ष डा. निधि गुप्ता ने कहा कि न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरों में भी देखा गया है कि महिलाएं भय, संकोच व निरक्षरता के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को परिवार या चिकित्सकों के समक्ष रखने में हिचकिचाती हैं। आज भी समाज में प्रचलित अंधविश्वास व पर्दाप्रथा के कारण महिलाएं स्वतंत्र निर्णय लेकर अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समय पर इलाज नहीं करवा पाती हैं। जिसके परिणाम अंततः संपूर्ण परिवार को भुगतने पडते हैं। मूत्र का बार-बार रिसना, योनि का सूखापन, खुजली का बार-बार होना, गर्भाशय का बाहर खिसकना, संभोग में दर्द या तकलीफ जैसी समस्याओं पर डा. नरेंद्र मल्होत्रा, डा. रागिनी अग्रवाल, डा. अनुराग यादव, डा. विजय वोहरा, डा. वंदना सिंघल, डा. सुषमा गुप्ता, डा. मनप्रीत शर्मा डा. शैमी बंसल आदि ने जानकारी दी और इनके आधुनिक इलाज के बारे में बताया। लाइव सर्जरी कर चिकित्सकों का ज्ञानवर्धन करने के साथ ही डा. लीला व्यास ने बताया कि महिलाओं को तमाम ऐसी बीमारियां लग सकती हैं, लेकिन वे इनके बारे में परिवार या चिकित्सकों को बताती ही नहीं। जब तकलीफ हद से ज्यादा बढ जाती है तो पता चलता है, लेकिन या तो देर हो चुकी होती है इलाज सही नहीं मिल पाता।
फैमिलिफट लेजर सिस्टम बना वरदान…..
डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि कि तकनीक काफी आगे बढ चुकी है। फैमिलिफट लेजर सिस्टम एक ऐसी तकनीक है, जिससे तीन या चार सिटिंग में इनमें से कई रोगों को खत्म किया जा सकता है। कोई सर्जरी नहीं, कोई डाउनटाइम नहीं, कोई दवा नहीं, कोई दर्द नहीं। उत्तर भारत में आगरा के रेनबो हाॅस्पिटल में फिलहाल यह तकनीक उपलब्ध है। यह कोई सर्जिकल प्रोसेज नहीं है और कई मामलों में 95 प्रतिशत तक सफलता दर दर्ज की गई है। यूं कहें कि महिलाओं की गुप्त समस्याओं का निवारण अब लेजर उपचार द्वारा संभव है।
फैमिलिफट लेजर से इन रोगों का इलाज संभव…..
– मूत्र का बार-बार रिसना
– योनि का सूखापन
– बार-बार खुजली होना
– योनि द्वार का ढीलापन
– गर्भाशय का बाहर खिसकना (प्रारंभिक अवस्था में)
– संभोग में दर्द या तकलीफ
अपने डाॅक्टर से कभी न छिपाएं ये बातें…..
– संबंध बनाते वक्त दर्द
– अनियमित माहवारी
– संबंध बनाने के बाद रक्तस्त्राव
– योनि से अजीब गंध आना
– ड्रिंक, स्मोक या ड्रग्स
– अन्य किसी तरह की समस्या, जिसे आप दूसरों को नहीं बता सकते।