CanKids..KidsCan, Children beat cancer: Give massage of hope to cancer patient from Tajmahal
आगरालीक्स… आगरा के ताजमहल से कैंसर को मात देने का संदेश दुनिया भर में गूंजा, कैंसर से जंग जीतने वाले मासूम बच्चों के हौसले को लोगों ने सलाम किया। ताजमहल में किडसकेन केनकिडस द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई। कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी के माध्यम से संदेश दिया गया।
वैष्णवी ने लडी ब्लड कैंसर से जंग
पांच साल की मासूम वैष्णवी ब्लड कैंसर सरवाइवर है। रविवार को ताजमहल में वैष्णवी के पिता लखनऊ निवासी अशोक यादव ने बताया कि बेटी वैष्णवी को ब्लड कैंसर हो गया था, वैष्णवी जब ढाई साल की थी, तब उसे बुखार आया। कई दिन बुखार नहीं गया, तो एक डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने टेस्ट कराए। जांच से पता चला कि वैष्णवी को ब्लड कैंसर है। मैं परचून की दुकान चलाता हूं। मेरे पास उसके इलाज के लिए पैसे नहीं थे।
बेटी के इलाज के लिए मैंने रिश्तेदार और अन्य लोगों से करीब साढ़े चार लाख रुपये कर्ज लिए। लखनऊ के केजीएमयू में इलाज कराया। डेढ़ साल तक कीमोथैरिपी और इलाज में पूरा पैसा खर्च हो गया। मुझे लगता था कि मेरी बेटी ठीक हो सकेगी। फिर एक दिन दिल्ली में एक संस्था के बारे में पता चला। संस्था ने मेरी बच्ची का एक साल तक मुफ्त इलाज कराया। अब वह खतरे से बाहर है और ढाई साल तक संघर्ष के बाद वह कैंसर से जंग जीत चुकी है। वह सामान्य जीवन जी रही है। अब हर तीन महीने बाद रुटीन चैकअप कराता हूं।
हर्षित ने आंख के कैंसर से वापस छीनी रोशनी
एक और कैंसर सरवाइवर आठ वर्षीय हर्षित ने रेटिना ब्लास्टोमा (आंख का कैंसर) से लड़कर अपनी आंख की रोशनी कैंसर से वापस छीन ली। गोबर चौकी, ताजगंज निवासी हर्षित के पिता शैलेश कुमार ने बताया कि दो साल पहले एक दिन रात को खाना खा रहे थे। सामने बल्व जल रहा था, तभी अचानक हर्षित को बल्व की रोशनी दिखना बंद हो गई। मैंने डॉक्टरों को दिखाया, तो उन्होंने आंख में ट्यूमर बताया। मैं एक होटल में वेटर था। उसका इलाज बहुत महंगा था। पिछले दो साल से इलाज चल रहा है। अब हर्षित की आंख में धीमे-धीमे रोशनी लौट रही है। वह सामान्य बच्चों की तरह खेलने लगा है।