Businessman Vinod Agarwal gangster case : Agra Police start advance deliberation
आगरालीक्स… आगरा के बडे कारोबारी पर गैंगस्टर लगाकर जेल भेजने के बाद पुलिस जमानत का रास्ता निकाल रही है। आज कोर्ट में आगरा पुलिस अपनी रिपोर्ट देगी, इससे कारोबारी को जमानत मिल सकती है।
ये है मामला
कमला नगर निवासी इंडिया कास्टिंग परिवार के सदस्य कारोबारी विनोद अग्रवाल की निखिल होम्स के मालिक शैलेंद्र अग्रवाल के साथ धोखाधड़ी के दो मुकदमों में नामजदगी हुई थी। एक मुकदमा एमकेजी कप्यूटर्स के मालिक उमेश गर्ग ने लिखाया था। हकीकत सामने आने पर उमेश गर्ग ने विवेचक अभय प्रताप सिंह को विनोद अग्रवाल के पक्ष में शपथ पत्र दे दिया। इसके बाद पुलिस ने उस मुकदमे में उन्हें क्लीनचिट दे दी। दूसरा मुकदमा दीप्ति गुप्ता की ओर से दर्ज कराया गया। इसमें विनोद अग्रवाल को शैलेंद्र अग्रवाल की कंपनी में निदेशक बना दिया। विनोद अग्रवाल का कंपनी से कोई लेना-देना नहीं था।
शपथ पत्र दिया लेकिन विवेचक ने लगा दी चार्जशीट
दीप्ति ने अपनी गलती मानते हुए विवेचक अरविंद कुमार सिंह को शपथ पत्र दिया और कंपनी का सर्टिफिकेट भी दिया, जिसमें विनोद का निदेशक मंडल में नाम नहीं था। उनके इस शपथ पत्र को विवेचना में शामिल नहीं किया गया। इसी दौरान विवेचना हरेंद्र मलिक पर पहुंच गई। उन्होंने इस मुकदमे में विनोद अग्रवाल के खिलाफ चार्जशीट लगा दी। इसके बाद शैलेंद्र के साथ उन्हें गैंगस्टर बना दिया।
अग्रिम विवेचना हुई शुरू
शुक्रवार को पुलिस ने विनोद अग्रवाल को जेल भेज दिया, शनिवार को दीप्ति गुप्ता ने एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह को शपथ पत्र दे दिया। इसके आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी के मुकदमे की अग्रिम विवेचना शुरू कर दी है। सोमवार को पुलिस कोर्ट में अर्जी देगी। इसमें कारोबारी की नामजदगी को गलत बताते हुए बेगुनाह बताएगी। धोखाधड़ी के मुकदमे के साथ ही पुलिस गैंगस्टर में भी यही रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर ही उनकी जमानत का रास्ता साफ हो सकता है, अभी कारोबारी एसएन में भर्ती हैं।