BJP Brij Chetra Executive Committee declared, Anjula Mahor A7 10 othersgiven responsibility
आगरालीक्स… आगरा के सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया की मंत्रिमंडल से छुटटी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की ब्रज क्षेत्र कार्यकारिणी घोषित कर दी गई है। इसमें हाशिये पर चल रही अंजुला सिंह माहौर को सदस्य बनाया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कठेरिया के नजदीकी अनिल चौधरी और पूर्व अध्यक्ष नागेंद्र प्रताप दुबे गामा को महामंत्री बनाया गया है ।
भाजपा ब्रज क्षेत्र कार्यकारिणी के अध्यक्ष बी एल वर्मा, बदायूं को पहले ही घोषित किया जा चुका है। चुनावी साल को देखते हुए ब्रज क्षेत्र कार्यकारिणी में हाशिये पर चल रहे भाजपा नेताओं को तवज्जो देते हुए, नए चेहरों को भी मौका दिया गया है। पूर्व डिप्टी मेयर नवीन जैन को कोषाध्यक्ष के पद से हटाते हुए विनोद अग्रवाल, मथुरा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, सुरेंद्र गुप्ता मीडिया प्रभारी बनाए गए हैं। कमल वाल्मीकि मंत्री, अर्जुन सिंह मंत्री, भगवान दास मंत्री, सुरेंद्र गुप्ता मीडिया प्रभारी, दीपमाला सदस्य बनाया गया है; पूर्व मेयर अंजुला माहौर को भी सदस्य बनाया गया। इस तरह ब्रज क्षेत्र में आगरा से 10 कार्यकर्ताओं को मौका दिया गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री की जनसुनवाई, कम हुई चहलकदमी
केंद्रीय मंत्री के पद से हटाने के बाद सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया कार्यकर्ता और जनता के बीच में जाने के लिए कमर कस चुके हैं। इसके लिए उन्होंने बुधवार सुबह अपने आवास, खंदारी परिसर में सुबह 10 बजे से जनसुनवाई रखी थी। सुबह बारिश हो गई और अब वे केंद्रीय मंत्री भी नहीं रहे हैं। इसका असर 24 घंटे में दिखाई देने लग गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री के व्यवहार में बदलाव हो रहा है तो जनता और कार्यकर्ता अपना गुस्सा बाहर निकालने में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर अभी भी पूर्व केंद्रीय मंत्री जनता के निशाने पर हैं।
केंद्रीय मंत्री से जुडे विवाद
फर्जी मार्कशीट से शिक्षक बनने का आरोप, बसपा से लोकसभा प्रत्याशी कुंवर चंद वकील ने लगाया था, लेकिन बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई।
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी विवि से सैलरी और अन्य भत्ते लेते रहना।
केंद्रीय मंत्री के लिए दिल्ली में आवास और आगरा में भी निजी आवास होने के बाद भी विवि के खंदारी परिसर में शिक्षक आवास में रहना और वहां अवैध निर्माण कर कार्यालय बनाना, इसके लिए एनएसयूआई विरोध कर रहा था।
शहर में चुनिंदा कारोबारियों से नजदीकी, आम जनता से दूरी बनाना।
स्थानीय भाजपा के पदाधिकारियों को तवज्जो न देना