Bharat Bhandh turn violent in Agra: SSP Amit Pathak photo with children goes viral
आगरालीक्स… आगरा में भारत बंद के दौरान बवाल और आगजनी करने वालों पर फायरिंग करने के साथ ही एसएसपी अमित पाठक का बच्चों को टॉफी खिलाने का पफोटो वायरल हो रहा है। उन्होंने सोमवार को आगरा में हुए बवाल के बाद महिला और बच्चों को सुरक्षित घर तक पहुंचाया, बच्चों को टॉपफी दी और पानी पिलाया। ये फोटो वायरल हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद को लेकर आगरा में सोमवार को उपद्रवियों के हिंसक होने के बाद मंगलवार दोपहर बाद स्थिति सामान्य हो गई है, 16 घंटे बाद इंटरनेट सर्विस शुरू कर दी गई, शहर के बाजार खुल गए हैं। वहीं, बुधवार को भी स्थित सामान्य रही लेकिन स्कूल बंद रहे। गुरुवार को स्कूल खुलने को लेकर परिजन और शिक्षक फोन कर जानकारी लेते रहे। मगर, जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों के संंबंध में कोई आदेश जारी नहीं किए हैं, गुरुवार से स्कूल खुल रहे हैं।
आरएएफ और पुलिस फोर्स तैनात, बाजार खुले
बुधवार को आगरा में 48 घंटे बाद दहशत और बवाल की आशंका पर दलित बाहुल्य क्षेत्रों में आरपीएफ और पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारी क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं। कलक्ट्रेट को छावनी बना दिया गया है, यहां बडी संख्या में पुलिस फोर्स रखा गया है, जिससे बवाल की आशंका पर तुरंत पुलिस फोर्स भेजा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध के बाद सोमवार को आगरा जल उठा था, मंगलवार को शांति रही लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सही बताते हुए बहस के लिए कहा है। ऐसे में बवाल की आशंका को देखते हुए बुधवार सुबह से ही दलित बाहुल्य क्षेत्र बिजली घर, कलक्र्टेट के आस पास के क्षेत्र, मधु नगर, ग्वालियर रोड, टेढी बगिया सहित अन्य क्षेत्रों में बडी संख्या में पुलिस फोर्स और आरएएफ तैनात की गई है।
पुलिस जांच में बडा खुलासा
आगरा में भारत बंद की आड में गुरल्ला तरीके से बवाल की बडी साजिश रची गई, कश्मीर की तरह युवकों ने पुलिस पर पत्थरवाजी की पुलिस की प्रारंभिक जांच में बडा खुलासा हुआ है। पुलिस द्वारा बवाल करते पकडे गए युवक नशे में थे, उन्हें कुछ नेताओं द्वारा उत्पात मचाने के लिए भेजा गया था, उन नेताओं को भी पुलिस द्वारा चिन्हित किया जा रहा है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद के लिए सडकों पर नीला और पंचशील का झंडे के साथ डंडा लेकर उतरे युवाओं ने जमकर उत्पाद मचाया। होटल और गाडियों में तोडफोड के साथ मारपीट और लूटपाट की गई। पुलिस ने रात तक 150 उपद्रवियों को अरेस्ट कर लिया। इसके साथ ही तीन थानों में 14 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। चौराहों और घर व दुकानों पर लगे सीसीटीवी से उपद्रवियों को चिन्हित किया जा रहा है।
रची गई साजिश
एसएसपी अमित पाठक ने मीडिया को बताया कि बवाल करते पकडे गए युवक नशे में थे, उन्हें कुछ नेताओं ने उत्पाद मचाने के लिए भडकाया था, उन्हें भी सीसीटीवी की मदद से चिन्हित किया जा रहा है।
उधर, सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा का कहना है कुछ शरारती तत्व भी इस आंदोलन में शामिल हो गए थे। इन लोगों ने ही माहौल बिगाड़ा है। तोड़फोड़ और आगजनी की है। इन सभी जनपदों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को निर्देश दिए गए हैं कि पूरी जांच कराई जाए।
हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों से सख्ती के साथ निपटा जाए। कई जगह साफ भी हो गया है कि माहौल बिगाड़ने में बसपा और सपा ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। जिन जनपदों में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है उससे भी इसका खुलासा हो गया है।
हिंसा वाले जनपदों में नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। रेलवे, रोडवेज को सबसे ज्यादा नुकसान बताया जा रहा है। बसों को जलाया गया है। ट्रेनों के न चलने से रिजर्वेशन केंसिल हो गए हैं।
सोमवार को ऐसे बिगडते गए हालात
सोमवार सुबह से आगरा में सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी की जगह जांच के आदेश के विरोध में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। दोपहर तक हालात अराजक हो गए और हिंसक झडपे होने लगीं। दोपहर दो बजे कलक्र्टेट के पास प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बस में आग लगा दी, पुलिस और दमकल कर्मियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया।
इसलिए है भारत बंद
सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसके तहत मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच की बात कही है. इस आदेश में जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की पीठ ने कहा था कि सात दिनों के भीतर शुरुआती जांच जरूर पूरी हो जानी चाहिए. इसके विरोध में सोमवार को भारत बंद का आहवान किया गया है।
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