Baba Munshi Das killed in Agra: Run syndicate of land & Medical treatment
आगरालीक्स… आगरा में बाबा मुंशीदास को गोलियों से भून दिया, बाबा मुंशीदास का जमीन और इलाज का सिंडीकेट था, रेप से लेकर अधिकारियों को पीटने का मुकदमा, बाबा मुंशीदास निसंतान दंपति के बच्चा पैदा करने से लेकर बेटा पैदा करने सहित सभी मर्ज का इलाज करता था।
डौकी के नरि मौजा गुढ़ा निवासी बाबा मुंशीदास 50 पुत्र बारेलाल की रविवार को दो बाइक पर आए पांच हमलावरों ने गोलियों से भून दिया, उसे आगरा लेकर आ रहे थे, रास्ते में मौत हो गई। बाबा मुंशीदास पर 500 एकड जमीन बताई जा रही है। उसका आश्रम ही 150 बीघा में है। बाबा मुंशीदास 1987 से चर्चा में आया, मारपीट के एक मामले में बाबा मुंशीदास पर मुकदमा दर्ज किया गया। नरि गांव की पीलू की माता की सिद्धि का दावा करने वाला बाबा मुंशीदास 10 फीट लंबी सुंरग में रहने लगा, तंत्र विद्या के साथ पीलू वाली मां की सिद्धि का सहारा लेकर अपना सिंडीकेट खडा किया। बाबा मुंशीदास हर मर्ज का इलाज करता था, उसके पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों से मरीज आते थे। वह साल में दो बार मेला लगाता था और हर मर्ज का इलाज करने का दावा करता था।
मट्ठा पिलाकर कराता था उल्टी
पथरी से लेकर हर मर्ज के इलाज के लिए बाबा मुंशीदास का इलाज का तरीका भी अलग था। वह बाल्टी में मट्ठा रखता था और दूसरी बाल्टी खाली होती थी। मट्ठा पीने के बाद दूसरी बाल्टी में उल्टी करवाता था, इसके बाद दोबारा उसे पिलवाता था। इस दौरान लठेत खडे रहते थे।
गुफा में महिलाओं का इलाज, रेप के प्रयास के आरोप
बाबा मुंशीदास गुफा में रहता था और निसंतान दंपति के गर्भधारण के लिए इलाज करता था। इसे लेकर कई बार बाबा पर आरोप लगे, इलाज कराने आई महिला से रेप के आरोप में बाबा मुंशीदास पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके साथ ही बेटा पैदा करने के लिए भी बाबा से इलाज कराने के लिए लोग आते थे।
बाबा पर 37 मुकदमे, अकूत संपत्ति
बाबा मुंशीदास के खिलाफ 37 मुकदमे दर्ज हैं, उस पर अधिकारियों के साथ मारपीट, अवैध खनन, रेप के प्रयास के मुकदमे दर्ज हैं। बाबा पर अकूत संपत्ति बताई जा रही है। 500 एकड जमीन के साथ स्कूल भी है।
ऐसे करता था कमाई
बाबा मुंशीदास फ्री में इलाज करता था, उसे अपने आश्रम के पास दुकान लगा रखी थी, इन दुकान से सिद्धि के लिए पूजा की थाली मंगाता था, यह 1100 रुपये से 11000 रुपये तक होती थी। इसके अलावा यमुना के खादर को 60 रुपये की मजदूरी पर लोगों को लगाकर समतल कराने के बाद उस पर कब्जे करने लगा।
चुनाव भी लडा
बाबा मुंशीदास ने 1993 में फतेहाबाद से चुनाव भी लडा था, निषाद जाति से होने के चलते बाबा मुंशीदास का क्षेत्र में जनमत था, उसकी सुरंग के बाहर लठेत रहते थे।