Are you Vegetarian or Vegan, Animal right activist Rohit awareness programme in Ek Pahal, Agra
आगरालीक्स… आगरा में आए राइट्स एक्टीविस्ट ने शाकाहारी (वेजीटेरियन) और शाकाहारी (वीगन) यानी जानवरों के प्रोडक्ट का किसी भी तरह से इस्तेमाल न करने का अंतर समझाया, कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का एक बडा कारण पशुओं के साथ बर्बरता है। उन्होंने 26 अक्टूबर 2017 से मुंबई से यात्रा शुरू की थी, वे देश के कोने कोने में जाकर पशुओं से प्रेम करने का संदेश दे रहे हैं।
गुरुवार को मुम्बई के एनीमल राइट्स एक्टीविस्ट रोहित इंगले ने दयालबाग स्थित एक पहल पाठशाला में कैस्पर्स होम द्वारा आयोजित कार्यशाला में बताया कि वीगन और वेजीटेरियन में बहुत फर्क है। लेकिन इस फर्क को ज्यादातर लोग नहीं जानते। वेजीटेरियन यानि शाकाहार जिसमें नॉनवेज छोड़ सब्जी, फल दूध, दही आदि शामिल हैं।जबकि वीगन यानि किसी भी एनीमल प्रोडक्ट का प्रयोग खाने, पहनने या रोजमर्रा की जिंदगी में न करना। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का एक बड़ा कारण पशुओं के साथ बर्बर व्यवहार भी है। दुनिया भर में प्रति सेकंड 4000 पशुओं का मारा जाता है। 15000 करोड़ पशु एनिमल फार्मिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उतनी ही तादात में उनके लिए अनाज, पानी जैसे रिसोर्स भी प्रयोग किए जाते हैं। एक मुर्गी हफ्ते भर में 15-20 किलो अनाज खा लेती है। जबकि 2-3 किलो चिकन मिलता है। यही अनाज 15-20 लोग खाएं तो कन्वर्जन रेट कम हो जाएगा। वह दुनिया को अपनी साइकलिंग के जरिए संदेश देना चाहते हैं कि हम बिल्कुल स्वस्थ और साधारण जिंदगी जानवरों को नुकसान पहुंचाए बिना भी दे सकते हैं। इस अवसर पर कैस्पर्स होम द्वारा देसी डॉग एडोप्शन कैम्प भी लगाया गया। अतिथियों का स्वागत कैस्पर्स होम की निदेशक विनीता अरोरा व संचालन ईभा गर्ग ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से यश गौतम, डिम्पी महेन्द्रू, योगेश आर्य, अंकित अमरनानी, अंकित शर्मा, रचना ठाकुर, माल्विका कुलश्रेष्ठ, स्पर्श गर्ग, विकास गर्ग, अंकित खंडेलवाल, शिवांगी बंसल, कुनाल, रोहित अग्रवाल आदि मौजूद थे।
24 किलो वजन किया कम
मोटापे से ग्रस्त रोहित ने बिना किसी दवा की मदद के सिर्फ पांच माह में 24 किलो वजन कम किया। यह सब सम्भव हुआ वीगन बनने से। रोहित ने बताया कि वह यात्रा के दौरान हर रोज लगभग 100 किमी साइकिल चलाते हैं। नकी साइकिल चलाने की क्षमता का राज भी वीगन लाइफ स्टाइल ही है। वीगनइज्म के बारे में जब उन्हें पता चला तो अहसास हुआ कि अपने स्वास्थ्य के लिए वीगन बनना कितना जरूरी है। क्योंकि सभी पशु उत्पाद धीमा जहर हैं जो हमें मार रहा है।
जीवों की रक्षा और सम्मान करें
एनीमल प्रोडक्ट से हर वर्ष कम से कम 3200 करोड़ टन कार्बन डाईआक्साइड पैदा होती है, जो विश्व भर की ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन का 51 प्रतिशत है। इसके अलावा बहुत से अन्य तथ्य हैं। जानवर कोई प्रोडक्ट नहीं, वह हमारे जैसे संवेदनशील जीव हैं, जिनके जीवन का हमें सम्मान व रक्षा करनी चाहिए।