Agra’s Dr Narendra Malhotra & Dr Niharika awarded in FOGSI women’s health summit:
आगरालीक्स… आगरा के नाम एक और बडी उपलब्धि जुडी है, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान चला रहे डॉ नरेंद्र मल्होत्रा और उनकी बेटी डॉ निहारिका मल्होत्रा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें बेटियों को लेकर समाज की सोच बदलने के लिए गुडगांव के होटल लीला में आयोजित फोग्सी अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन में अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक डॉ नरेंद्र मल्होत्रा 2008 में फोग्सी के प्रेसीडेंट थे, उन्होंने बेटी बचाओ और बेटी पढाओ अभियान शुरू किया था, इस मुहिम को उनकी बेटी डॉ निहारिका मल्होत्रा आगे बढा रही हैं। आगरा में हर साल बेटी पढाओ बेटी बचाओ रैली का आयोजन किया जाता है, यह जिससे बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदल सके।
फीगो में गर्भावस्था में टीबी पर डॉ नरेंद्र ने दिया व्याख्यान
आगरा के डॉ नरेंद्र मल्होत्रा ने दुबई के फैस्टिवल सिटी में 11 से 13 अप्रैल तक इंटरनेशनल फेडरेशन आॅफ गायनेकोलाॅजी एंड आॅब्सटेट्रिक्स (फीगो) की ओर से मध्य-पूर्व और अफ्रीका की क्षेत्रीय कांग्रेस में व्याख्यान दिया। महिलाओं के स्वास्थ्य, नीति और निर्णय को लेकर इस सम्मेलन में जहां कई मार्मिक मुद्दे उठे, वहीं दुनिया भर से आए करीब 800 मुख्य वक्ताओं ने अपने-अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए और अपने अनुभवों को साझा किया। आगरा के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. नरेंद्र मल्होत्रा को इस सम्मेलन में गर्भावस्था के दौरान क्षय रोग पर व्याख्यान के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। डा. मल्होत्रा ने इस विषय पर भारत और दुनिया भर में गर्भावस्था के दौरान क्षय रोग (टीबी) के हालातों पर अहम जानकारियां सामने रखीं। सम्मेलन में उन्होंने एक सत्र की अध्यक्षता करने के साथ ही कलर डॉप्लर अल्ट्रासाउंड पर अपना शोध भी प्रस्तुत किया।
दुनिया भर से आए प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों, नर्सों, सामान्य चिकित्सकों एवं अन्य विशेषज्ञों के समक्ष अपने संबोधन में डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान क्षय रोग उन महिलाओं में खास तौर पर होने की आशंका रहती है, जो बहुत कमजोर होती हैं और जिनका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्षय रोग गर्भावस्था में क्या प्रभाव डालता है। साथ ही इसमें ली जाने वाली दवाएं बच्चे पर कोई असर डालती हैं या नहीं डालती हैं। इतना ही नहीं गर्भावस्था में क्षय रोग के खतरे के बारे में जानना भी जरूरी है।