Agra’s biker Pallavi Fauzdar selected for Nari Shakti Puraskar 2016
आगरालीक्स …आगरा की बेटी के नाम बडी उपलब्धि, बाइकर पल्लवी फौजदार को नारी शक्ति पुरुस्कार 2016 से आठ मार्च को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे। वूमेन इनपावरमेंट के लिए इंटरनेशनल वूमेन डे पर आठ मार्च को राष्ट्रपति भवन में बाइकर पल्लवी को सम्मानित किया जाएगा, उन्हें एक लाख रुपये की नगद राशि दी जाएगी।
देश की पहिला महिला बनी
आगरा की पल्लवी फौजदार 18774 फुट ऊंचाई तक मोटरबाइक ले जाने वाली देश की पहली महिला बन गई है, उनका नाम नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। मुश्किल रास्तों पर हौसले की बाइकिंग से उन्होंने उपलब्धि हासिल की है। उन्हें बाइक चलाने का जुनून है। बाइक भी वह अकेले चलाती हैं, इससे पहले उनके नाम सबसे ऊंची लेह लद्दाख के काक संगला की पहाड़ियों तक पहुंचने का रिकॉर्ड दर्ज है। वे आम जिंदगी में भी लंबी दूरी के सफर पर बाइक से ही जाना पसंद करती हैं।
आगरा के सिकंदरा के हरीश नगर की पल्लवी फौजदार (36) दिल्ली में अपने पति एयरफोर्स आिफसर परीक्षित और दो बच्चों के साथ रह रही हैं। उनका लखनऊ में स्टोन का बिजनेस है।
मुश्किल रास्तों पर हौसले की बाइकिंग
पल्लवी ने 20 सितंबर 2015 को दिल्ली के इंडिया गेट से एवंजर बाइक से राइड शुरू की थी। वहां से बद्रीनाथ से एक किलोमीटर आगे माना गांव पहुंचीं। यह देश का आखिरी गांव है। माना गांव से भी 55 किलोमीटर आगे माना पास पड़ता है, यह पूरा कच्चा रास्ता है, पल्लवी ने यह दूरी छह घंटे में तय की। वे दुर्गम रास्ते पर अपनी बाइक से चलती रही और उपलब्धि हासिल कर ली।
सबसे ऊंची लेह लद्दाख के काक संगला की पहाड़ियों तक पहुंची
24 सितंबर को माना पास में दस्तक दी। 27 सितंबर को वापस दिल्ली लौटीं। 19 मार्च 2016 को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स का सर्टिफिकेट उनके घर पहुंचा। वर्ष 2015 जुलाई में ही पल्लवी ने दिल्ली के इंडिया गेट से बुलट बाइक से लेह लद्दाख का सफर शुरू किया था। करीब चार हजार किलोमीटर का सफर उन्हाेंने 18 दिन में पूरा किया था। रिकार्ड में रजिस्टर्ड स्थान लाचंगलुंग ला, तंगलांग ला, खार्दुंग ला, वारी ला, चांग्ला ला, मरसिमिक ला, सताथो ला, काकसंग ला तक गई थीं। दुनिया के सबसे ऊंची लेह लद्दाख के काक संगला की पहाड़ियों पर पताका फहराने वाली आगरा की पल्लवी फौजदार ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। सितंबर 2015 में उन्होंने 18774 फुट ऊंचाई पर स्थित माना पास (डुंगरीला) की बाइक से राइड पूरी की। इस कारनामे के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है।