New toll rates released for Agra-Lucknow, Purvanchal and Bundelkhand Expressway,
Agra University Bed Scam: Interim relief to 156 teachers
आगरालीक्स…आगरा के डॉ भीमराव अंबेडकर विवि की फर्जी बीएड डिग्री मामले में शिक्षकों को बडी राहत, हाईकोर्ट ने शिक्षकों को अंतरिम राहत दी है। बुधवार को इलाहाबाद, हाईकोर्ट ने जांच पूरी होने तक शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई न करने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी, 5 फरवरी तक स्थगन आदेश जारी किया गया है।
आगरा के अंबेडकर विवि के बीएड सत्र 2005 में 5 हजार से अधिक फर्जी बीएड मार्कशीट से युवकों ने शिक्षक की नौकरी प्राप्त की है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने फर्जी बीएड मार्कशीट धारकों की सूची शिक्षा विभाग, इहालाबाद को सौंपी थी, इसके बाद फर्जी बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए गए थे। इस आदेश के बाद यूपी के सभी जिलों के बीएसए ने फर्जी बीएड डिग्री मामले के संदिग्ध शिक्षकों को नोटिस जारी किए हैं।
कोर्ट ने दी अंतरित राहत
इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की इलाहाबाद बैंच में याचिका संख्या 56339/2017 सूर्यवंशी बनाम स्टूट आॅफ यूपी एंड अदर्स पर बुधवार को सुनवाई हुई। एडवोकेट
अशोक खरे, आगरा के विवेक कुमार, मदन मोहन शर्मा, म्रत्युजंय द्वारा याचिका दायर कराई गई थी। आगरा के एडवोकेट विवेक कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट ने जांच पूरी होने तक शिक्षकों पर कार्रवाई न करने के लिए निर्देश देते हुए अंतरित राहत दी है। इस दौरान शिक्षक अध्यापन कार्य करेंगे और उन्हें तनख्वाह मिलती रहेगी। कोर्ट न यह भी कहा है कि छात्रों की डिग्री निरस्त करने का अधिकारी केवल डॉ भीमराव अंबेडकर विवि को ही है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद बीएसए द्वारा शिक्षकों को चार्जशीट दी जाएगी।
छात्रों की कानूनी मदद के लिए एडवोकेट सामने आए
आगरा के डॉ भीमराव अंबेडकर विवि के बीएड फर्जी मार्कशीट प्रकरण में सही छात्र भी फंस गए हैं, ऐसे छात्रों की कानूनी मदद के लिए एडवोकेट सामने आए हैं, वे उनका केस लडेंगे।
विवि के बीएड सत्र 2004 05 में 4780 फर्जी मार्कशीट की रिपोर्ट एसआईटी ने दी है, इसमें से अधिकांश शिक्षक है। 4780 में से एक हजार से अधिक ऐसे छात्र हैं जिनके नंबर बढाए गए हैं, वे कॉलेज के छात्र भी रहे हैं और परीक्षा में भी शामिल हुए। इसमें से कुछ सही छात्र भी हैं, ये छात्र एडवोकेट विवेक कुमार के संपर्क में आए हैं, उनकी परेशानी को देखते हुए वे केस लडने के लिए तैयार हो गए हैं।
विवि अधिकारियों ने की गडबडी, फंस रहे छात्र
एडवोकेट विवेक कुमार ने बताया कि बीएड प्रकरण में दो तरह के केस हैं, एक हजार केस ऐसे हैं जिन्होंने परीक्षा दी थी और बाद में नंबर बढा दिए गए, इसमें से तमाम सही छात्र, उसी तरह से फंस गए हैं जिसके कारण मामला खुला है। दरअसल, विवि ने बीएड सत्र 2004 05 के छात्र सुनील कुमार को 54 फीसद की बीएड की मार्कशीट दी थी। उन्होंने अपनी मार्कशीट से नौकरी के लिए आवेदन किया, उसी समय उनकी मार्कशीट खो गई, सुनील कुमार ने विवि से डुप्लीकेट मार्कशीट बनवाई तो उसमें उनके अंक 84 फीसद थे, वे 54 पफीसद अंक की मार्कशीट से आवेदन कर चुके थे और सलेक्शन भी हो गया था। सुनील कुमार ने विवि के चक्कर लगाए और यह कहा कि यह बता दें कौन सी मार्कशीट सही है जिससे उस मार्कशीट के आधार पर नौकरी लग सके। विवि द्वारा कोई जवाब न देने पर वे हाईकोर्ट चले गए, हाईकोर्ट ने एसआईटी गठित कर दी और मामला खुल गया। इसी तरह से तमाम छात्र हैं जिन्हें जानकारी भी नहीं है और उनके अंक बढा दिए गए हैं। ऐसे केस में एडवोकेट विवेक कुमार केस लडेंगे।