Agra Civic Polls 2017: Counting start after 24 hours for Mayor & Parshad candidate
आगरालीक्स… आगरा के नगर निगम चुनाव में 24 घंटे बाद परिणाम और रुझान आने लग जाएंगे, भाजपा और बसपा में सीधी टक्कर बताई जा रही है, मतदाताओं की चुप्पी और वोटिंग प्रतिशत कम रहने से बडा उलटफेर भी हो सकता है। भाजपा के सामने मेयर की सीट बचाने की चुनौती है तो बसपा मेयर की सीट पर जीत दर्ज कर लोकसभा चुनाव से पहले दम दिखाना चाहती है। सपा की जीत से अखिलेश यादव सरकार पर जनता का भरोसा बढेगा, कांग्रेस की जीत पार्टी में जान फूंकेगी।
आगरा में पहले चरण के लिए 22 नवंबर को मतदान हुआ था, एक दिसंबर को सुबह आठ बजे से मंडी समिति में मतणना होगी और सुबह नौ बजे से नतीजे आने लगेंगे। मेयर और 100 पार्षद जीत दर्ज करेंगे। ऐसे में सटटा बाजार में भावों में उतार चढाव आ रहा है।
सटटा बाजार में भाजपा की जीत, कैसे तय करते हैं भाव
सटटा बाजार में पहले दिन से भाजपा प्रत्याशी नवीन जैन की जीत बताई जा रही है, नवीन जैन के लिए 32 से 35 पैसे भाव है। जानकारों के मुताबिक, आगरा में पिछले चार चुनावों में भाजपा प्रत्याशी ने मेयर पद पर जीत दर्ज की है। इस बार पीएम मोदी फैक्टर और भाजपा की लहर है, केंद्र के बाद प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनी है। ऐसे में बिना लॉजिक के सटटा के भाव का चर्चाओं से आकलन करने वाले सटटा बाजार में भाजपा पर भी सटटा खेला जा रहा है। यह किसी के लिए भी आसान है कि आगरा में भाजपा से मेयर प्रत्याशी नवीन जैन जीत दर्ज करेंगे।
पिछले साल से तीन फीसद से अधिक मतदान
पिछले नगर निगम चुनाव में 2012 में 36. 23 फीसद मतदान हुआ था, इस बार मतदान 39 .76 फीसद हुआ हैं। इस तरह 2017 नगर निगम चुनाव में 503978 मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया है।
5 लाख वोट पडने से भाजपा को बढत
रुझानों के अनुसार, 2012 के चुनाव में करीब चार लाख वोट पडे थे। इसमें से मेयर पद पर भाजपा के प्रत्याशी को 135647 वोट मिले थे और उसने बसपा प्रत्याशी 123213 को हराया था, हार का अंतर 12 हजार था। इस बार करीब एक लाख वोट अधिक पडे हैं, यह वोट भाजपा को फायदा दे सकते हैं।
सामान्य सीट होने से बसपा को फायदा
पोस्ट पॉल के रुझान के अनुसार, एक बडा ग्रुप बसपा को बढत दे रहा है, इसके पीछे तर्क है कि आगरा की मेयर की सीट आरक्षित थी, इस सीट पर चारों प्रमुख दलों से आरक्षित श्रेणी के प्रत्याशी चुनाव लडते थे। इन्हें बसपा का भी वोट मिलता था। इस बार मेयर सीट सामान्य है, इस सीट पर बसपा से दिगंबर सिंह धाकरे ने चुनाव लडा था, बसपा को हर बूथ से वोट मिलता है। पिछले चुनाव में 12 हजार से हार हुई थी, इस बार सामान्य सीट होने से बसपा को ठाकुरों का भी वोट मिलने का अनुमान है। इसके अलावा वे रोटरी क्लब से भी जुडे रहे हैं तो कुछ प्रतिशत वोट सभी समाज के लोगों का मिला है। इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाले मुस्लिम वोट में भी बसपा की भागेदारी अच्छी मानी जा रही है। इससे बसपा प्रत्याशी को भाजपा की टक्कर माना जा रहा है, कुछ लोग बसपा को आगे बता रहे हैं।
सपा कायम नहीं रख सकी हवा, कांग्रेस से उम्मीद कम
2012 के चुनाव में सपा तीसरे नंबर पर थी और 84655 वोट मिले थे। इस बार सपा से मेयर प्रत्याशी राहुल चतुर्वेदी ने नामांकन के बाद अच्छा माहौल बनाया था, लेकिन वे माहौल को बनाए रखने में सफल नहीं रहे, मतदान होने तक सपा के तेवर ढीले पड गए, चर्चाओं में सपा तीसरे नंबर की पार्टी मानी जा रही है। वहीं, कांग्रेस के विनोद बंसल से ज्यादा उम्मीद नहीं है, पिछले चुनाव में कांग्रेस को 29116 वोट पडे थे, इस बार भी यही अनुमान है।