5th class student dies in hospital, attendant protest in Agra
आगरालीक्स …आगरा के एक बडे हॉस्पिटल में पाचवीं के छात्र की मौत हो गई, उसे बुखार आने पर भर्ती कराया था, रात में तबीयत बिगडने पर डॉक्टर बुलाए गए, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आए। परिजन हॉस्पिटल पर हंगामा कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उनके बेटे को रात में इलाज मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। हंगामा बढने पर पुलिस फोर्स पहुंच गया है।
(इंटरनेट फोटो)
दिलीप ने अपने बेटे निशांत 11 वर्ष को बुखार आने पर सोमवार को दिल्ली गेट स्थित हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। वह पाचवीं का छात्र है, मंगलवार रात को निशांत की तबीयत बिगडने लगी, इस पर परिजनों ने हॉस्पिटल स्टाफ से डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा, इस पर वे आश्वासन देते रहे कि कह दिया है, डॉक्टर आने वाले हैं, इसी बीच निशांत की तबीयत बिगडती चली गई। परिजन स्टाफ के सामने डॉक्टर को बुलाने के लिए गिडगिडाते रहे, लेकिन उन्होंने डॉक्टर नहीं बुलाए।
डॉक्टर नहीं आए और सांस थम गई
रात में अपने बेटे की सांसे थमती देख परिजन चीखते चिल्लाते रहे, लेकिन स्टाफ ने डॉक्टर को नहीं बुलाया। उन्होंने डॉक्टर से फोन पर बात करने की बात कही, लेकिन कोई डॉक्टर देखने के लिए नहीं आए। सुबह निशांत की मौत हो गई। बेटे की मौत से परिजनों का सब्र जवाब दे गया। उन्होंने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया।
डॉक्टरों को सुनाई खरी खोटी, बिल लेते हो तो डॉक्टर नहीं नहीं आते
परिजनों ने डॉक्टर को खरी खोटी सुनाई, परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल का बिल बहुत अधिक है। आईसीयू से लेकर डॉक्टर, स्टाफ की फीस मरीज से वसूली जाती है, मरीज को एडमिट करने से पहले फीस जमा करा ली जाती है। इसके बाद भी तबीयत बिगडने पर डॉक्टर को नहीं बुलाया गया।
पोस्टमार्टम कराने पर ही मुकदमा
हॉस्पिटल में मरीज की मौत के मामले में सीएमओ की संस्तुति पर ही डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है। इसके लिए म्रतक का पोस्टमार्टम कराया जाना चाहिए, इसमें डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती है तो डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज किया जाता है। हॉस्पिटल और डॉक्टरों का इंश्योरेंस भी है, मरीज की मौत पर इंश्योरेंस से मुआवजा भी मरीज को मिलता है।