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57 feet long Ravan set on fire in Agra
आगरालीक्स… आगरा में दशहरा पर 57 फीट का रावण दहन किया जाएगा, इसे 30 दिन में मथुरा के कारीगरों ने तैयार किया है, यह अंदर से मजबूत है तो बाहर से डरावना।
आगरा में दशहरा पर रावण का दहन किया जाएगा, वैश्य बोर्डिग हाउस, सेंट जोंस कॉलेज में 57 फीट का रावण बनाया गया है, इसे मथुरा के कारीगरों ने 30 दिन में तैयार किया है, इसमें कपडे, कागज, मैदा, बांस बल्ली का इस्तेमाल किया गया है, इसका शनिवार रात को दहन किया जाएगा, इसके लिए बडे स्तर पर तैयारी की गई हैं
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आगरा में आज रावण को जलाने की जगह पूजा की जाएगी और रावण दहन का विरोध होगा।
आगरा में शनिवार को रामलाल वृद्धा आश्रम कैलाश मंदिर के पास सिकंदरा में रावण की पूजा की जाएगी, रावण भक्त अधिवक्ता मदन मोहन शर्मा उमाकांत सारस्वत ने कहा कि रावण की भक्ति और शक्ति से सभी को सीख लेनी चाहिए, ताकि नई पीढ़ी को रावण की अच्छाई, बुराई, ज्ञान, शक्ति और त्याग आदि की जानकारी हो सके।
वहीं मथुरा में शुक्रवार को सारस्वत समाज ने रावण की पूजा की। लंकेश भक्त मण्डल के संस्थापक संग प्रमुख ओमवीर सारस्वत एडवोकेट कई साल से रावण, कुम्भकरण, मेघनाथ आदि के पुतले फूंकने का विरोध करते आ रहे हैं। वह दल-बल सहित यमुना के किनारे स्थित शिव मंदिर में पहले शिव और बाद में लंकेश्वर की पूजा अर्चना-गुणगान करते हैं। सारस्वत ने इस साल भी रावण के पुतले फूंकने का विरोध किया और लंकेश की पूजा का एलान किया।
मथुरा-बरेली सड़क मार्ग पर यमुना के उस पार श्मशान के पास स्थित शिव मंदिर में रावण पूजा कार्यक्रम आयोजित किया। रावण का स्वरूप कुलदीप अवस्थी ने धारण किया। कुलदीप ने रावण जैसी मूंछें और चेहरा मोहरा बनाने के लिए मेकअप करने वालों का सहारा लिया। इसमें सारस्वत वंश के अलावा अन्य रावण भक्त भी शामिल हुए।
ओमवीर सारस्वत ने बताया कि रावण परम विद्वान थे, राम ने भी अंत समय उनसे शिक्षा ली। दूसरे, किसी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार एक बार होता है। रावण का दहन हर वर्ष करना अनुचित है।