2nd Bharat Band rumours in Agra: Agra open on 10 April
आगरालीक्स…… आगरा में 10 अप्रैल को भारत बंद को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाह के बीच आगरा खुलेगा, आगरा में डीएम और एसएसपी द्वारा बंद के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किए हैं। साथ ही किसी भी संगठन ने बंद का समर्थन नहीं किया है लेकिन सुबह से लेकर रात तक भारत बंद की अफवाह रही। कुछ स्कूलों ने अपनी तरफ से ही छुटटी कर दी है, मंगलवार को स्कूल की छुटटी, इंटरनेट ठप और बाजार बंद रहने के संबंध में जिला प्रशासन ने कोई आदेश जारी नहीं किए हैं। आगरा में स्थिति सामान्य है और बंद का आहवान किसी भी संगठन और दल द्वारा नहीं किया गया है।
एसएसपी अमित पाठक ने जारी की एडवाइजरी
एसएसपी अमित पाठक ने सोशल मीडिया को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। इसे शहर में वाट्सएप के जरिए प्रसारित किया जा रहा है। इसमें एसएसपी की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट के संबंध में दिए गए निर्देशों के क्रम में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा लगातार भारत बंद के कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में सोशल मीडिया पर तरह-तरह के पोस्ट डाले जा रहे हैं। सभी से अनुरोध है कि कृपया सोशल मीडिया पर नियम विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट, फोटो आदि न डालें। जो व्यक्ति सोशल मीडिया पर धार्मिक जातीय या समाज में विद्वेष पैदा करने वाले पोस्ट डालेगा, शेयर या लाइक करेगा उसके खिलाफ आइटी एक्ट और आइपीसी की धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। साइबर सेल और सर्विलांस सेल वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर आदि सभी सोशल साइट्स पर सतर्क दृष्टि रखे है। ग्रुप एडमिन भी इस प्रकार के किसी पोस्ट के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्हीं के विरुद्ध पहले सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामला
आगरा में दो अप्रैल को एससी एसटी एक्ट में तुरंत अरेरस्ट न करने के फैसले के विरोध में देशव्यापी भारत बंद के दौरान आगरा में जमकर उत्पाद मचा था। दलित समुदाय के लोगों पर मारपीट, तोडफोड, आगजनी के आरोप लगे हैं। पुलिस मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को अरेस्ट कर रही है। अभी तक 31 मुकदमे दर्ज कर 29 उपद्रवियों को जेल भेज दिया।इसी बीच दलित समुदाय के बाद सवर्ण और ओबीसी द्वारा 10 अप्रैल को बंद रखने की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी हैं। सवर्ण व ओबीसी मोर्चा ने नौ अप्रैल तक दो अप्रैल के बंद में उत्पाद मचाने वालों को अरेस्ट न करने पर 10 अप्रैल को बैठक करने की घोषणा की थी, उन्होंने भी 10 अप्रैल को बैठक और प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। इसी तरह से अन्य संगठन भी 10 अप्रैल के बंद से पीछे हट गए हैं।
तीन लोगों पर दो मुकदमे दर्ज
10 अप्रैल को भारत बंद कराने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर लोगों को जोड़ा जा रहा है। इसमें भड़काऊ पोस्ट का भी प्रयोग कर रहे हैं। पूर्व में दलित संगठनों द्वारा किए गए आंदोलन की रूपरेखा भी सोशल मीडिया के माध्यम से ही तैयार हुई थी। अब 10 अप्रैल को फिर वही हालात पैदा ना हो इसलिए पुलिस ने भड़काऊ पोस्ट डालने वाले लोगों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है ।शनिवार देर रात शहर के सदर थाने में फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डालने के मामले में सोनू पंडित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। वहीं हरीपर्वत में फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डालने के मामले में पुलिस ने अरुण चौधरी और जितेंद्र कुशवाहा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया।
आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई
इनमें से अरुण चौधरी ने पूर्व में हुए पनवारी कांड को जोडकर 10 अप्रैल के लिए आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी। वहीं, जितेंद्र कुशवाहा ने वाट्सएप ग्रुप पर 10 अप्रैल को भारत बंद के दौरान उपद्रव होने की आशंका जताते हुए लोगों को घरों से ना निकलने की अपील की थी। SP सिटी कुमार अनुपम सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर पुलिस की विशेष टीम लगातार नजर बनाए हैं। भड़काऊ पोस्ट या लोगों को भडकाने ने का काम करेगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।